केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बचत योजना (NSC) के नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया हैं। यह संशोधन 29 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के द्वारा अधिसूचित किया गया है और 5 सितंबर, 2024 को इसको लेकर गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। यह संशोधन 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होंगे। इन नए नियमों का उद्देश्य योजना को और अधिक पारदर्शी बनाना और उसमें सुधार करना है।
संशोधित नियमों का विवरण
1. राष्ट्रीय बचत योजना (NSC) का नियम
1 मार्च 2003 से 1 अक्टूबर 2024 तक की अवधि के लिए, खातों में न्यूनतम शेष राशि पर प्रति वर्ष 7.5% ब्याज की दर निर्धारित की गई थी। यह ब्याज हर महीने की दसवीं तारीख और महीने के अंत के बीच की न्यूनतम शेष राशि पर आधारित होती थी।
2. 1 अक्टूबर 2024 के बाद का प्रावधान:
1 अक्टूबर 2024 से राष्ट्रीय बचत योजना (NSC) के तहत सभी खातों में शेष राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि इस तिथि के बाद से योजना के तहत सभी खातों में जमा राशि पर ब्याज मिलना बंद हो जाएगा। यह नियम सभी खाताधारकों पर समान रूप से लागू होगा, चाहे उन्होंने योजना में कितनी भी राशि जमा की हो।
राष्ट्रीय बचत योजना (NSC) नियम, 1987 मे संशोधन:
1 मार्च 2003 को जारी अधिसूचना को रद्द करते हुए, 1 अक्टूबर 2024 के बाद से लागू होने वाले नियमों के अनुसार, खातों में शेष राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस संशोधन के तहत, पुराने नियमों के अंतर्गत की गई ब्याज गणना को भी संशोधित किया गया है। यह बदलाव सभी पुराने और नए खाताधारकों पर लागू होगा, जिससे सभी के लिए समान नियम सुनिश्चित किए जा सकें।
निवेशकों पर प्रभाव
जिन निवेशकों ने अपने भविष्य के लिए इस योजना में निवेश किया था, उनके लिए यह एक बड़ा बदलाव है। अब उन्हें इस योजना से कोई ब्याज प्राप्त नहीं होगा, जिससे उनकी आय में कमी आ सकती है। खासकर, वे लोग जिन्होंने लंबी अवधि के लिए इस योजना में निवेश किया था, उन्हें अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। निवेशकों को अब अन्य निवेश विकल्पों की तलाश करनी होगी, जैसे कि म्यूचुअल फंड्स, बैंकों की सावधि जमा (Fixed Deposit), या सरकारी बॉन्ड, जिनसे उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सके। इस बदलाव के बाद, निवेशक अब अपनी पूंजी को विभिन्न प्रकार के निवेश साधनों में विभाजित कर सकते हैं ताकि उन्हें एक स्थिर आय मिलती रहे।
डाक विभाग के दिशा-निर्देश
डाक विभाग के सभी क्षेत्रीय और मंडल प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि वे इस संशोधन की जानकारी सभी संबंधित लोगों तक पहुंचाएं। इसके तहत निम्नलिखित कदम उठाने को कहा गया है:
1) सभी डाकघरों में इस अधिसूचना को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए ताकि आम जनता को समय पर जानकारी मिल सके।
2) योजना में संशोधन के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्थानीय स्तर पर विशेष अभियान चलाए जाएं।
3) जिन लोगों के खाते इस योजना में हैं, उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाए और उन्हें भविष्य की योजना बनाने में सहायता प्रदान की जाए।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय बचत योजना में किए गए ये संशोधन निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर है। यह जरूरी है कि सभी खाताधारक इन नियमों को समझें और अपने भविष्य के निवेश निर्णयों को ध्यान से लें। सरकार द्वारा किए गए ये बदलाव संभवतः आर्थिक सुधार और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए उठाए गए हैं। इस बदलाव के बाद, निवेशकों को अपनी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत होगी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे ऐसे निवेश विकल्प चुनें जो उनकी आवश्यकताओं और जोखिम सहनशीलता के अनुरूप हों।
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