EPS-95 पेंशनभोगी लंबे समय से अपनी पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार इसके ऊपर कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं ले रही है। उसी को लेकर लोकसभा में सांसद श्री असादुद्दीन ओवैसी ने सरकार को घेरा और सरकार से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर तीखी बहस करने लगे साथ में सरकार को कुछ प्रश्न पूछ डाले तो चलिए जान लेते हैं क्या प्रश्न पूछे गए थे और उसका उत्तर सरकार ने क्या दिया।
EPS-95 पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर सांसद श्री असादुद्दीन ओवैसी ने सरकार को घेरा
श्री असादुद्दीन ओवैसी ने प्रश्न पूछा कि क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या सरकार को कर्मचारी पेंशन योजना EPS-95 के तहत पेंशनभोगियों से न्यूनतम पेंशन राशि में वृद्धि का अनुरोध करने संबंधी कोई अभ्यावेदन प्राप्त हुआ है:
(ख) उसके बाद उन्होंने पूछा कि क्या सरकार का EPS-95 के तहत पेंशन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है:
(ग) तत्पश्चात उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ने ईपीएस पेंशन बढ़ाने के लिए विशेष रूप से श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी स्थायी समिति के 30वै प्रतिवेदन में की गई टिप्पणियों के आलोक में इन अभ्यावेदनों का कोई मूल्यांकन किया है और यदि हां, तो इसके निष्कर्ष क्या रहे हैं;
(घ) क्या सरकार ईपीएस, 1995 के तहत पेंशन में वृद्धि की सुविधा के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने दिया इसका उत्तर
सांसद श्री असादुद्दीन ओवैसी के द्वारा पूछे गए सारे सवालों का जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया। उन्होंने निम्नलिखित उत्तर दिये।
(क): श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के पास EPS-95 के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन की राशि में वृद्धि करने का अनुरोध विभिन्न ट्रेड यूनियनों सहित अलग-अलग यूनियनो से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं।
(ख) एवं (ग): अगले प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि ईपीएस, 1995 एक ‘परिभाषित अंशदान-परिभाषित लाभ सामाजिक सुरक्षा योजना है।
कर्मचारी पेंशन निधि का कॉर्पस (1) नियोक्ता द्वारा वेतन के 8.33 प्रतिशत की दर से अंशदान; तथा (2) केंद्र सरकार द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से वेतन के 1.16 प्रतिशत की दर से प्रति माह 15,000/- रुपये तक की राशि के अंशदान से बनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सभी लाभ ऐसे संचयन से प्रदान किए जाते हैं।
ईपीएस, 1995 के पैराग्राफ 32 के अंतर्गत यथा अधिदेशित निधि का वार्षिक मूल्यांकन किया जाता है तथा 31.03.2019 तक निधि के मूल्यांकन के अनुसार, बीमांकिक घाटा हुआ है।
(घ) एवं (छ): सरकार ने वर्ष 2014 में पहली बार बजटीय सहायता प्रदान करके ईपीएस, 1995 के अंतर्गत पेंशनभोगियों को प्रतिमाह 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन प्रदान की, जो कर्मचारी भविध्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को ईपीएस के लिए प्रतिवर्ष प्रदान किए जाने वाले वेतन के 1.16 प्रतिशत की बजटीय सहायता के अतिरिक्त थी।
पिछले पांच वर्षों के दौरान कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत भारत सरकार के 1.16 प्रतिशत के साविधिक अंशदान तथा प्रतिमाह 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन के लिए ईपीएफओ को जारी की गई धनराशि का विवरण इस प्रकार है;
वर्ष | 1.16% योगदान | न्यूनतम पेंशन के लिये अनुदान सहायता | कुल करोड़ रुपये में |
19-20 | 3696.67 | 1400 | 5096 |
20-21 | 6027.61 | 1491 | 7519 |
21-22 | 17359.20 | 1119.13 | 18478 |
22-23 | 7785.00 | 1000 | 8785 |
23-24 | 8167.00 | 960 | 9127 |
निष्कर्ष
लोकसभा में सांसद श्री असुदीन ओवैसी के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बहुत ही गोलमोल दिया। इसका मतलब है कि सरकार EPS-95 पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि नहीं करनेवाली हैं। सरकार ने 2014 में पेंशनभोगियों पे तरस खाके 1000 रुपये पेंशन कर दिया था जिसे अब बढ़ाया नही जायेगा। उस समय जब ये विपक्ष में थे तो पेंशन बढ़ाने की वकालत कर रहे थे लेकिन अब मौजूदा सरकार अपने वादे को भूल गई हैं
Government will increase their monthly income and pension but not for public.
Their monthly ex-gratia and pension should be stopped.Public are suffering as the market price is very high.
Senior citizen have only a value less life in this country and bound to die.
Sir I was retired in Yr 2012 Jan my pension amt isrs2293 I have also given additional epfo deductions from license too but I am not getting additional benefits my salary was app 14500 including da and vda pl give new increased pensions my epfono gb/hbl 57553
जिस तरह के लोग भारत में M.P. और M.L.A. का चुनाव जिस तरह की जनता चुनती है सही मायने में बहुत सारे गलत लोगो को जिन्हें केवल अपना स्वार्थ को और अपने सुख सुविधा देखना होता है जो अपने धन और बल के आधार पर गलत लोगों के बलबुते पर चुनाव जीत कर समाज में असमानता पैदा करने का कार्य करते है इसलिए भारत में अराजकता आज तक और असमानता बनी हुई है जब तक अपराधी लोगो को वोट देने से रोकना और अपराधी लोगो का चयन करना बंद नही होगा भारत के लोग गरीबी से कभी उबर नही पायेंगे l
जय हिन्द जय भारत
EPS95,
Had Enough , Vote for Change
कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है।
जब भा० जा० पा० विपक्ष में थी, तब वह
इस धनराशि को अपर्याप्त बताते थे, जब सत्ता में आये तो तर्क पर तर्क, पूरा ई पी एफ विभाग प्रधानमंत्री तक को भ्रमित किए हुए है।
प्रधानमंत्री जी ने बेरोजगार सीनियर सिटीजन को न्यूनतम ३०००/- देने का आदेश प्रसारित किया है, परंतु ई पी एस सी जहां अरबों रुपए अनकलेमड पड़े हैं, फिर भी रिटायर कर्मियों को जलील किया जा रहा है। फ्यूज बल्ब बना के रख दिया है।
Minimum pention nahi badhana modi sarkar keliye hanikark hoga
सरकार को सोचना चाहिए कि 2014 से 1000 रुपये पेन्शन है जब कि अन्य क्षेत्रों मे कितनी वढोतरी हो चुकी है। अब तो बृद पेन्शन भी 2500 रुपये हो चकी है। EPS Pension कम से कम 3000 रुपये तो होनी ही चाहिए।
Pankaj ji ke liye pension ke paisse hamare dawara diye gaye tax se hi aate h . 4-4 pension ye log lete h , sharm nahi aati enko . 1000 Rs main aajke time main kya aata h . Apne vetan , allowances ko desh ke naam samarpit kyu nahi karte . Pardhan Sevak se apekcha nahi rakhe . Sabka saath sabka vikash kaha ho raha h . Ye jumlo ki government kuch karne vali nahi. NAC ko aandolan nahi romana tha .
कमसे कम जिंदगी बिताने वास्ते पेन्शन वृद्धी अपेक्षित हैं!क्यौंकी बुजुर्गौंने देश की सेवा की हैं!
केन्द्र सरकार पिछले 10 साल से। EPS-95 पैंशन भोगियों को झुनझुना पकड़ा रही है। हमारी आर्थिक दशा इस सरकार से छुपी नहीं है। हमको आर्थिक व सामाजिक दोनों तरफ से अपमान का सामना करना पड़ रहा है। हमारे असंख्य साथी हर साल भगवान को प्यारे हो रहे हैं न जाने कब किसका नम्बर लग जाय। चुनावी वायदे के अलावा हर श्रम मंत्री ने हमको सिर्फ झूठा आश्वासन दिया है और यहां तक कि हमारे यशस्वी प्रधान के आश्वासन के बाद भी हम लोग वंचित हैं।
गरीब उत्थान के लिये पंक्ति के आखरी व्यक्ति तक पहुंचने का दावा करने वाली सरकार को न हम 78 लाख ई.पी.एस-95 पैंशनर्स पंक्ति ही दिखती है और न हम सरकार के लिये गरीब हैं। सन् 1995 में तत्कालीन सरकार ने पैंशन के नाम पर जो विभत्स मजाक हमारे साथ किया उसकी पुनरावृत्ति NDA की सरकार पिछले 10 सालों से कर रही है। हम लोगों को नकारा समझकर सरकार व समाज तिरष्कृत कर रहे हैं। अपने सरकारी कर्मचारियों को तो भर-भर कर दे रही है वर्तमान सरकार। मैं पूछता हूं सेना के अलावा कौन सा सरकारी विभाग है जो राष्ट्र निर्माण में बहुत सारा योगदान कर रहा है? क्या हमारा कोई योगदान नहीं रहा?
क्या उम्मीद करें हम और किससे?