उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारियों की मांगों पर सरकार का रुख: वेतन व पेंशन सुधार की आवश्यकता

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, भत्तों और अन्य सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को उजागर किया गया है। यह पत्र सरकार से कर्मचारियों की लंबित मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने की अपील करता है।

मुख्य मांगें और उनका औचित्य

1. सातवें वेतन आयोग के अनुसार भत्तों का पुनः निर्धारण

राज्य कर्मचारियों ने सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें केंद्र सरकार के समान भत्ते दिए जाएं। वर्तमान में कई भत्ते पुराने ढांचे के आधार पर दिए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

2. पेंशन में संशोधन और पुरानी पेंशन योजना की बहाली

राज्य कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में से एक पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली है। कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) कर्मचारियों के भविष्य को असुरक्षित बना रही है।

3. महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि

कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के अनुरूप महंगाई भत्ते (DA) में तत्काल वृद्धि की मांग की है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए कर्मचारियों का कहना है कि मौजूदा दरें अपर्याप्त हैं।

4. संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण

संविदा और ठेका कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग भी इस ज्ञापन का अहम हिस्सा है। इन कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी के समान लाभ नहीं मिलते, जिससे उनके भविष्य पर अनिश्चितता बनी रहती है।

5. ग्रेड-पे विसंगतियों को दूर करना

6वें और 7वें वेतन आयोग के बाद ग्रेड-पे विसंगतियों के कारण कई कर्मचारियों को उनके पद और कार्यभार के अनुसार उचित वेतन नहीं मिल रहा है। परिषद ने सरकार से अनुरोध किया है कि इन विसंगतियों को दूर किया जाए।

6. वेतन विसंगतियों को दूर करने की माँग

कई विभागों में समान कार्य करने वाले कर्मचारियों के वेतन में अंतर पाया गया है, जिसे दूर करने की माँग की गई है।

7. चिकित्सा सुविधाओं में सुधार

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए चिकित्सा भत्ते एवं कैशलेस मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की माँग की गई है।

सरकार की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव

राज्य कर्मचारी परिषद द्वारा उठाई गई मांगें कर्मचारियों के आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी हैं। यदि सरकार इन मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करती है, तो इससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी और उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।

सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद है कि आगामी बैठकों में इस पर चर्चा होगी। यदि कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं होती हैं, तो आंदोलन और प्रदर्शन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपनी जायज मांगों को सरकार के समक्ष रखा है। इन मांगों का पूरा होना कर्मचारियों की कार्य संतुष्टि और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा। सरकार को चाहिए कि वेतन, पेंशन और भत्तों से जुड़ी समस्याओं का जल्द समाधान निकाले ताकि कर्मचारियों में असंतोष न बढ़े और प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चलते रहें।

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