नई दिल्ली, 19 फरवरी 2025 – सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन प्रणाली में सुधार की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से अनुरोध किया है कि वह वेतन और पेंशन में मौजूद असमानताओं को दूर करने और कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक सुधार करे।
1. 10-वर्षीय वेतन आयोग चक्र और वास्तविक वेतन/पेंशन पर प्रभाव
सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में हर 10 साल में एक बार बड़े संशोधन किए जाते हैं, लेकिन महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) वास्तविक मुद्रास्फीति के अनुरूप वृद्धि नहीं कर पाते। इस कारण कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की क्रय शक्ति (purchasing power) घटती जाती है, जिससे हर वेतन आयोग में एक बड़ा सुधार करना अनिवार्य हो जाता है।
2. वेतन और पेंशन असमानताओं को दूर करना
2.1 जेए और चयन ग्रेड अधिकारियों के वेतनमान में अंतर
मुद्दा
6वें वेतन आयोग (6th CPC) द्वारा वेतन बैंड (PB) प्रणाली लागू करने से चयन ग्रेड (Selection Grade) और जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (J.A. Grade) के अधिकारियों के बीच वेतन में असमानता बढ़ गई। 7वें वेतन आयोग (7th CPC) ने भी इस असंतुलन को जारी रखा, जिससे जेए ग्रेड अधिकारियों को समान पदों पर कार्य करने के बावजूद कम वेतन मिलने से उनका मनोबल गिरता गया।
प्रभाव
✅ कार्यात्मक समानता – जेए ग्रेड और चयन ग्रेड के अधिकारी समान भूमिकाओं में कार्यरत होते हैं, फिर भी उनके वेतन में भारी अंतर होता है।
✅ वेतनमान असमानता – चयन ग्रेड अधिकारियों को PB-4 में पदोन्नत किया गया, लेकिन जेए ग्रेड अधिकारियों को समान लाभ नहीं मिले।
✅ न्यायसंगत वेतन की मांग – BPS ने 8वें वेतन आयोग से जेए ग्रेड और चयन ग्रेड अधिकारियों के वेतन में संतुलन लाने की मांग की है।
2.2 पूर्व-2006 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन निर्धारण में भेदभाव
मुद्दा
🔹 31 दिसंबर 2005 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन अंतिम वेतन के बजाय 10 महीने के औसत वेतन पर आधारित थी।
🔹 पहले केवल आंशिक महंगाई भत्ता (DA) पेंशन गणना में जोड़ा जाता था, जबकि अब पूरा DA शामिल किया जाता है।
🔹 33 साल से कम सेवा के लिए पेंशन में कटौती की जाती थी, जिसे अब 20 और बाद में 10 वर्ष कर दिया गया।
प्रभाव
✅ वित्तीय हानि – पूर्व-2006 सेवानिवृत्त कर्मचारी, समान पदों पर कार्यरत नए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की तुलना में कम पेंशन पाते हैं।
✅ संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन – सुप्रीम कोर्ट ने समान पदों पर समान पेंशन का आदेश दिया है, लेकिन भेदभाव अब भी जारी है।
✅ प्रशासनिक बोझ – इन विसंगतियों के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बार-बार अदालतों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे सरकारी संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
BPS की मांग
🔹 8वें वेतन आयोग को Ready Reckoner पद्धति का पुनरीक्षण कर विसंगतियों को ठीक करना चाहिए।
🔹 एक समान पेंशन फॉर्मूला लागू किया जाए ताकि किसी भी कर्मचारी को नुकसान न हो।
🔹 पिछली तारीख से सुधार लागू किए जाएं, न कि केवल नए सेवानिवृत्त लोगों के लिए।
3. वेतन और पेंशन वृद्धि से आर्थिक लाभ
✅ उपभोक्ता खर्च में वृद्धि – अधिक वेतन और पेंशन से बाजार में खर्च बढ़ेगा, जिससे आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
✅ कर राजस्व में वृद्धि – उच्च आयकर, GST और कॉर्पोरेट कर संग्रह बढ़ेगा।
✅ सामाजिक सुरक्षा में सुधार – पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे सरकारी कल्याण योजनाओं पर कम निर्भर होंगे।
4. वित्तीय प्रबंधन और राजस्व अनुकूलन
🔹 अनावश्यक सरकारी खर्च को कम किया जाए – प्रशासनिक लागत और गैर-जरूरी सब्सिडी घटाई जाए।
🔹 VIP भत्तों में कटौती – सांसदों और विधायकों के लिए दी जाने वाली गैर-जरूरी सुविधाओं को सीमित किया जाए।
🔹 कर आधार को व्यापक बनाया जाए – उच्च आय वाले क्षेत्रों और बड़े कृषि व्यवसायों को कर के दायरे में लाया जाए।
5. पूर्व-2004 भर्ती कर्मचारियों के लिए पेंशन सुधार
🔹 पेंशन कम से कम 8वें वेतन आयोग के औसत वेतन का 65% होनी चाहिए।
🔹 पारिवारिक पेंशन को 45% तक बढ़ाया जाए।
🔹 उम्र के अनुसार अतिरिक्त पेंशन दी जाए:
- 65 वर्ष: 5%
- 70 वर्ष: 10%
- 75 वर्ष: 15%
- 80 वर्ष: 20%
- 85 वर्ष: 30%
- 90 वर्ष: 40%
- 95 वर्ष: 50%
- 100 वर्ष: 100%
6. BSNL/MTNL पेंशनभोगियों के लिए समानता
🔹 BSNL/MTNL पेंशनभोगियों की पेंशन CCS (Pension) Rules के तहत आती है, लेकिन पेंशन संशोधन में देरी होती है।
🔹 BPS सरकार से मांग करता है कि BSNL/MTNL पेंशनरों को वेतन आयोग की सिफारिशों में शामिल किया जाए।
7. स्वायत्त निकायों के पेंशनभोगियों के लिए समानता
🔹 कॉफी बोर्ड, टी बोर्ड, कोल बोर्ड जैसे स्वायत्त निकायों के पेंशन संशोधन के लिए अलग प्रशासनिक मंजूरी लेनी पड़ती है, जिससे देरी होती है।
🔹 BPS मांग करता है कि जहां केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, वहां यह बाध्यता समाप्त की जाए।
8. अर्धसैनिक बलों और MES कर्मचारियों के लिए पेंशन समानता
🔹 अर्धसैनिक बलों को OROP (One Rank One Pension) का लाभ मिले।
🔹 MES कर्मियों को OROP और पूर्व-सैनिक का दर्जा दिया जाए।
9. अन्य आवश्यक लाभ
✅ नियत चिकित्सा भत्ता (FMA) – इसे ₹5,000 प्रति माह किया जाए।
✅ महंगाई राहत (DR) का विलय – जब DR 25% पार कर जाए, तो इसे पेंशन में जोड़ दिया जाए।
✅ पारिवारिक पेंशन में सुधार –
- पारिवारिक पेंशन 30% से बढ़ाकर 45% किया जाए।
- सभी मामलों में समान पारिवारिक पेंशन लागू हो।
- जीवित साथी की पेंशन में अचानक कमी न हो।
निष्कर्ष
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक न्यायसंगत और टिकाऊ पेंशन प्रणाली आवश्यक है। इन सुधारों से न केवल वित्तीय सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित होगी, बल्कि सरकार को भी दीर्घकालिक राजस्व लाभ मिलेगा। भारत पेंशनर्स समाज (BPS) को उम्मीद है कि 8वां वेतन आयोग इन मुद्दों को संवेदनशीलता और प्राथमिकता के साथ हल करेगा।
आपका इस विषय पर क्या विचार है? कमेंट में बताएं!