पेंशनर्स के लिए पेंशन भुगतान आदेश (PPO) निस्संदेह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। पेंशन भुगतान आदेश (PPO) की हार्ड कॉपी के गन्दा हो जाने, कट-फट जाने अथवा खो जाने के कारण पेंशनर्स को कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से, पेंशनर्स की मृत्यु के बाद, पेंशन भुगतान आदेश (PPO) की अनुपलब्धता के कारण पारिवारिक पेंशन प्रारम्भ होने में बिलम्ब होता है जिससे पारिवारिक पेंशनर्स को अत्यधिक कठिनाई होती है।
उपरोक्त कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने भारत सरकार की डिजिलॉकर की सेवाओं का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है, जिसके सम्बन्ध में दिशा निर्देश निम्नवत है:-
(1) डिजिलॉकर (Digilocker) पर पेंशन भुगतान आदेश (PPO) के भंडारण (Storage) और पुनर्प्राप्ति (Retrieval) हेतु राज्य सरकार की एकीकृत वित्तीय प्रबंध प्रणाली (IFMS) को भारत सरकार के डिजिलॉकर पोर्टल के साथ एकीकृत (Integrate) किया जायेगा। डिजिलॉकर खाता बनाने और पीपीओ को देखने/डाउनलोड (View/Download) करने की विस्तृत प्रक्रिया नीचे दी गई है।
(2) यह सुविधा सभी पेंशनर्स/पारिवारिक पेंशनर्स को चरणबद्ध रूप से निम्नानुसार उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रथम चरणः
ई-पेंशन पोर्टल के माध्यम से निर्गत पेंशन भुगतान आदेश (ePPO) दिनांक 01 जुलाई, 2025 से डिजिलॉकर पर उपलब्ध कराये जायेंगे।
द्वितीय चरणः
पेंशन निदेशालय, उत्तर प्रदेश एवं मण्डलीय अपर निदेशक/संयुक्त निदेशक, कोषागार एवं पेंशन द्वारा निर्गत मैनुअल पेंशन भुगतान आदेश डिजिलॉकर में “पेंशन सत्यापन रिपोर्ट” के रूप में उपलब्ध होगें।
उक्त “पेंशन सत्यापन रिपोर्ट” का प्रारूप संलग्नक-2 पर स्थित है। समस्त मुख्य वरिष्ठ कोषाधिकारियों को यह निर्देश दिये जाते हैं कि कोषागार में उपलब्ध मैनुअली निर्गत पेंशन भुगतानादेशों के आधार पर उक्त प्रारूप में डाटाबेस तैयार कर लें। मैनुअली निर्गत पेंशन भुगतान आदेशों को डिजिलॉकर पर दिनांक 01.12.2025 से उपलबध कराया जाना लक्षित है।
तृतीय चरणः
पेंशन निदेशालय मण्डलीय अपर निदेशक संयुक्त निदेशक पेंशन कार्यलयों से इतर अन्य प्राधिकारियों द्वारा निर्गत पेंशन भुगतानादेशों, जिनका भुगतान कोषागारों द्वारा किया जा रहा है, को भी डिजिलॉकर पर उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके संबंध में पृथक से आदेश निर्गत किये जायेंगे।
डिजिलॉकर के साथ जानकारी साझा करने से पहले मुख्य/वरिष्ठ कोषाधिकारीगण पेंशन भुगतान आदेशों (PPO) में जानकारी को अपडेट करने के लिए यथा आवश्यक विशेष अभियान और शिविर आयोजित करेंगे।
पेंशनभोगियो के रिकॉर्ड को उपडेट करना
कोषागारों के अभिलेखों में वर्तमान में उपलब्ध पेंशनर्स और उनके जीवनसाथी के संयुक्त फोटोग्राफ यदि गंदे हैं या उपलब्ध नहीं हैं तो कोषागारों द्वारा विशेष अभियान और शिविरों में, पेंशनर्स और उनके जीवनसाथी की नवीनतम संयुक्त फोटोग्राफ प्राप्त कर अपडेट किया जायेगा। अपडेट की गई फोटो को संबधित कोषाधिकारी द्वारा डिजिलॉकर में आगे भेजने के लिए IFMS में अपलोड किया जाएगा।
रिकॉर्ड अपडेट के लिए विशेष अभियान
पैशनर्स के रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए विशेष अभियान अप्रैल, 2025 के उपरान्त सभी कोषागारों में प्रारम्भ किया जायेगा। कोषागार निदेशालय, उ.प्र. द्वारा कोषाधिकारियों के परामर्श से एक विस्तृत समय सारिणी तैयार की जाएगी तथा उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
पेंशनभोगियों की की जाएगी सहायता
वरिष्ठ नागरिक होने के नाते पेंशनर्स को उपरोक्त सुविधा का उपयोग करने में सहायता और सहयोग की आवश्यकता होगी। पेंशनर्स को नई सुविधा का लाभ उठाने में सहायता के लिए निम्नलिखित व्यवस्था की जाएगी:
- कोषागार निदेशालय द्वारा एक वीडियो-आधारित ट्यूटोरियल तैयार किया जायेगा जिसे आईएफएमएस पोर्टल के साथ-साथ अन्य सोशल मीडिया जैसे कि यूट्यूब आदि पर अपलोड किया जाएगा ताकि पेंशनर्स को अपने पेंशन भुगतान आदेशों की पुनर्पाप्ति (Retrieval) के लिए डिजिलॉकर का उपयोग करने में सहायता मिल सके।
- समस्त कोषागार पेंशनर्स को डिजिलॉकर सुविधा का उपयोग करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। कोषागार निदेशालय में आईएफएमएस हेल्पडेस्क के माध्यम से दूरभाष पर पेंशनर्स के लिए टेलीफोनिक सहायता सभी कार्य दिवसों में उपलब्ध होगी। इस हेतु कोषागार निदेशालय, पेंशन निदेशालय एवं समस्त कोषागारों द्वारा हेल्पडेस्क नंबर नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किये जायेगे।
- यदि डिजिलॉकर में उपलब्ध डेटा उनके लिए जारी किए गए मूल पेंशन भुगतान आदेश से मेल नहीं खाता है तो पेंशनर्स द्वारा अपनी शिकायतें संबंधित कोषाधिकारी को प्रस्तुत की जा सकती है। कोषागार निदेशालय, उ.प्र. समयबद्ध तरीके से ऐसी शिकायतों के समाधान का केंद्रीय अनुश्रवण करेगा।
- डिजिलॉकर में उपलब्ध डिजिटल प्रारूप को पेंशन वितरण और अन्य प्रशासनिक आवश्यकताओं के उद्देश्य से भौतिक पेंशन भुगतान आदेश के समतुल्य माना जाएगा। परन्तु, यदि डिजिलॉकर में उपलब्ध डेटा पेंशनभोगी को जारी किए गए मूल पेंशन भुगतान आदेश में उपलव्ध जानकारी से मेल नहीं खाता है, तो मूल पैशन भुगतान आदेश में उपलब्ध जानकारी ही मान्य होगी।
- सभी पेंशन देनेवाली ऑथॉरिटी को निर्देश दिया गया है कि कृपया पेंशनर्स के लिए डिजिलॉकर में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के इलेक्ट्रॉनिक भंडारण (Storage) और पुनर्प्राप्ति (Retrieval) सम्बन्धी उपरोक्त निर्धारित व्यवस्था करें। इसके सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे।
पेंशनर्स द्वारा डिजिलॉकर पर खाता खोलने की प्रक्रिया और डिजिलॉकर में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ)
PPO डाउनलोड करने की प्रक्रिया:
पेंशनर पारिवारिक पेंशनर को अपने मोबाइल फोन कंप्यूटर लैपटॉप में डिजिलॉकर एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा। यदि पेंशनर ने पहले ही डिजिलॉकर अकाउंट बना लिया है, तो उसे साइन इन विकल्प पर क्लिक करना चाहिए, अन्यथा खाता बनाएं” विकल्प पर क्लिक करना चाहिए।
“खाता बनाएं” विकल्प पर क्लिक करने पर, एक नई स्क्रीन उपलब्ध होगी, जिसमें पूरा नाम (आधार के अनुसार), जन्म तिथि (आधार के अनुसार), लिंग, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी (वैकल्पिक), आधार संख्या तथा पैन जैसी जानकारी देनी होगी और छह (6) अंकों का सुरक्षा पिन सेट करना होगा।
पैशनर को हर बार डिजिलॉकर एप्लिकेशन में लॉग इन करने के लिए इस 6 अंकों के सुरक्षा पिन की आवश्यक्ता होगी। एक बार जब पेंशनभोगी “सबमिट बटन पर क्लिक करता है तो उसे आधार सत्यापन के लिए एक ओटीपी प्राप्त होगा। एक बार ओटीपी सत्यापन पूरा हो जाने पर, उपयोगकर्ता को डिजिलॉकर के होम पेज पर पुनः निर्देशित किया जाएगा।
यदि पेंशनर के पास पहले से ही डिजिलॉकर खाता है, तो उसे साइन-इन” विकल्प पर क्लिक करना होगा और साइन इन करने के लिए मोवाइल नंबर/उपयोगकर्ता नाम और छह (6) अंकों का सुरक्षा पिन का उपयोग करना होगा।
सही उपयोगकर्ता-आईडी और सुरक्षा पिन प्रदान करने के बाद, पेंशनर को डिजिलॉकर खाते से जुड़े अपने मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। एक बार ओटीपी सत्यापन सफलतापूर्वक पूरा हो जाने के बाद, पेंशनर को डिजिलॉकर के होम पेज पर पुनः निर्देशित किया जाएगा।
डिजिलॉकर के होम पेज पर पेंशनर पारिवारिक पेंशनर को राज्य “उत्तर प्रदेश” पर क्लिक करना होगा। पेंशनर द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य आइकन पर क्लिक करने पर डिजिलॉकर के अंतर्गत उपलब्ध राज्य की सभी सुविधायें प्रदर्शित होंगी।
पेंशनर को इलेक्ट्रॉनिक पैशन भुगतान आदेश” विकल्प/आइकन चुनना होगा। पैशनभोगी को ट्रेजरी चुनने के लिए एक स्क्रीन दी जाएगी। कोषागार का चयन कर लेने के उपरान्त, मैशनर द्वारा अपना “GRD No.” जो कोषागार द्वारा उसे आवंटित किया गया हो, दर्ज करना होगा।
यदि किसी पेंशनर को अपना “GRD No.” ज्ञात न हो, तो वह कोषवाणी (koshvani.up.nic.in) पर लॉगिन कर अपना “GRD No.” प्राप्त कर सकता है अथवा कोषागार से संपर्क कर “GRD No.” प्राप्त किया जा सकता है। यदि पैशजर द्वारा दी गई जानकारी मेल खाती है, तो इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके उपरान्त पेंशनर स्क्रीन पर उपलब्ध ई-पीपीओ को डाउनलोड कर सकता है या उसका प्रिंटआउट ले सकता है।
Esa hone se bahut subidha milegi. Excellent suggestion.
पैन्शनर्स, ( जो कि वास्तव में एक वो वरिष्ठ नागरिक होता है जिसने अपना जीवन सरकार एवं राष्ट्रीय हित में व्यतीत किया होता है ) की सुविधा हेतु विशेष कर तब, जब वह शारीरिक एवं आर्थिक रूप से क्षीण हो चुका हो, सरकार की पहल सराहनीय एवं प्रसंशनीय है!
V good
क्या राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा बताना