श्रीमती कुसुम लता, उत्तर प्रदेश की निवासी को पति के निधन के 4 साल बाद 26 लाख रुपये का परिवार पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य लाभों का भुगतान किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पेंशनभोगी और उनका परिवार जानकारी के अभाव में अपने अधिकारों और हक़ को प्राप्त नही कर पाता है। ऐसे में यह सच्ची स्टोरी सभी पेंशनभोगियों और उनके परिवारजनों के लिए बहुत ही इंफोर्मेटिव होनेवाली है।
मामले की पृष्ठभूमि
श्रीमती कुशुम लता के पति श्री सुभाष चंद्र वर्मा, भारतीय रेलवे में वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। 05 दिसंबर 2020 को उनके अचानक निधन के बाद, श्रीमती कुशुम लता को परिवार पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य लाभ प्राप्त करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।
उन्होंने विभिन्न मंचों और विभागों से संपर्क किया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। इस दौरान उनकी बढ़ती उम्र और पति के आकस्मिक निधन के कारण उनकी स्वास्थ्य स्थिति भी बिगड़ती चली गई।
कही से समाधान न मिलता हुवा देख उनको CPENGRAMS पोर्टल के बारे पता चला, उसके बाद उन्होंने वहां पे शिकायत दर्ज की।
शिकायत दर्ज और पुनः पंजीकरण
अपनी समस्याओं के समाधान के लिए, उन्होंने 25 अगस्त 2024 को CPENGRAMS पोर्टल पर शिकायत संख्या DOPPW/E/2024/0058790 के माध्यम से शिकायत दर्ज की। 12 सितंबर 2024 को उनकी शिकायत बंद कर दी गई और संबंधित बैंक को पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) जारी कर दिया गया। हालांकि, वास्तविक लाभ उन्हें नहीं मिले। इसके बाद, 26 सितंबर 2024 को DoPPW ने इस मामले को पुनः पंजीकृत किया और मामले की गहन निगरानी शुरू की।
वित्तीय राहत और समाधान
लगातार प्रयासों और गहन फॉलो-अप के बाद, आखिरकार उनकी परिवार पेंशन शुरू की गई और मृत्यु उपरांत सेवानिवृत्ति लाभ तथा परिवार पेंशन के बकाया सहित कुल 26 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया गया।
निष्कर्ष
यह मामला उन पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए एक उदाहरण है, जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। श्रीमती कुशुम लता को मिला यह वित्तीय और भावनात्मक सहारा, उनके जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आया है। DoPPW के प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ कि उन्हें उनका हक मिल सके और वह सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।