CGHS लाभार्थियों के लिए बड़ी राहत: 1 अक्टूबर से नए नियम लागू

केंद्र सरकार ने केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत आने वाले 48 लाख लाभार्थियों को बड़ी राहत दी है। इन नए नियमों के तहत पेंशनभोगियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए अस्पताल में इलाज और भर्ती होना अब पहले से अधिक आसान और सुविधाजनक हो जाएगा। आइए जानते हैं इन नए बदलावों के बारे में विस्तार से:

अस्पताल में भर्ती के लिए अनुमति पत्र की अनिवार्यता समाप्त

अब CGHS लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए अनुमति पत्र (Permission Letter) प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस फैसले से अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी और लाभार्थियों को इलाज में देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

रेफरल मेमो पर स्टाम्प की अनिवार्यता समाप्त

सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए एक और बड़ी राहत यह है कि अब रेफरल मेमो पर स्टाम्प की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है। इससे औपचारिकताओं में कमी आएगी और लाभार्थियों का समय और श्रम बचेगा।

सीजीएचएस कार्ड की फोटोकॉपी की अनिवार्यता समाप्त

अब अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर्स, नेत्र और दंत चिकित्सा केंद्रों में CGHS कार्ड की फोटोकॉपी प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होगी। कार्ड को सत्यापित करने के लिए CGHS ऐप या डिजिलॉकर का उपयोग किया जा सकता है। इससे लाभार्थियों को अतिरिक्त दस्तावेज़ीकरण से मुक्ति मिलेगी।

कैशलेस सुविधा की अनिवार्यता

सीजीएचएस के तहत पेंशनभोगियों, संसद के पूर्व और वर्तमान सदस्यों, स्वतंत्रता सेनानियों, और सेवारत सीजीएचएस/डीजीएचएस/स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत, अस्पताल में प्रवेश के समय किसी भी प्रकार का अग्रिम भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी।

सीजीएचएस सेवाओं का विस्तार और नए दिशा-निर्देश

CGHS सेवाएं वर्तमान में 80 शहरों में उपलब्ध हैं, और 42 लाख से अधिक लाभार्थी इसका लाभ उठा रहे हैं। मंत्रालय ने इन सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा। पैनल में शामिल सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे CGHS लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करें।

सीजीएचएस कियॉस्क और नोडल अधिकारी की नियुक्ति

प्रत्येक अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में एक समर्पित सीजीएचएस कियॉस्क (सहायता डेस्क) स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, सीजीएचएस लाभार्थियों की मदद के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिसका नाम और संपर्क नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान

70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सीजीएचएस लाभार्थियों को बिना रेफरल के ही पैनल में शामिल अस्पतालों के विशेषज्ञों से ओपीडी परामर्श लेने की अनुमति दी जाएगी। इससे बुजुर्ग लाभार्थियों को आसानी से विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकेंगी।

सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारियों के लिए सुविधा

मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि जिन सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारियों के पास वैध सीजीएचएस कार्ड हैं, वे भी सभी सूचीबद्ध स्वास्थ्य देखभाल संगठनों में कैशलेस उपचार के पात्र होंगे। इनके बिलों को यूटीआई आईटीएसएल पोर्टल के माध्यम से संसाधित किया जाएगा।

दिशानिर्देशों का पालन अनिवार्य

दिल्ली एनसीआर में स्थित सभी सीजीएचएस सूचीबद्ध अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को इन नए नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। यदि कोई स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

इन नए नियमों के लागू होने से सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और सुविधा की अपेक्षा की जा रही है। सरकार का यह कदम उनके जीवन को और अधिक सरल और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के कार्यों में भी पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।

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