नई दिल्ली, 25 फरवरी 2025 – कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने FMA को लेकर स्पष्ट किया है कि यदि पति और पत्नी दोनों EPFO के स्टाफ पेंशनर हैं, तो फिक्स मेडिकल अलाउंस (FMA) केवल एक ही व्यक्ति को दिया जाएगा।
EPFO ने अपने आदेश संख्या A-45011/64/2023-HRM-VII/1290 के माध्यम से यह निर्देश जारी किया है। यह आदेश सभी क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्तों (Regional PF Commissioners), जोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है।
FMA क्या है?
फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस (FMA) उन कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिया जाता है, जो केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत कवर नहीं होते। यह मासिक ₹2000 की राशि होती है, जो दवाइयों और गैर-अस्पताल चिकित्सा खर्चों के लिए दी जाती है।
क्या कहा गया है नए आदेश में?
✅ यदि पति-पत्नी दोनों EPFO पेंशनर हैं, तो दोनों को अलग-अलग FMA नहीं मिलेगा।
✅ FMA केवल किसी एक पेंशनर को ही दिया जाएगा।
✅ यह निर्णय EPFO के सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिया गया है और इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है।
इस निर्णय का प्रभाव
🔹 डबल FMA की सुविधा समाप्त – पहले अगर पति-पत्नी दोनों EPFO पेंशनर होते थे, तो उन्हें अलग-अलग ₹2000 यानी कुल ₹4000 का लाभ मिलता था, लेकिन अब यह घटकर केवल ₹2000 प्रति माह रह जाएगा।
🔹 EPFO पर वित्तीय भार कम होगा – इस फैसले से EPFO को सालाना करोड़ों रुपये की बचत होगी।
🔹 EPFO पेंशनर्स में नाराजगी संभव – कई पेंशनर्स इस फैसले को असमान्य और अनुचित मान सकते हैं, क्योंकि CGHS जैसी सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण चिकित्सा खर्च अधिक होता है।
क्या EPFO पेंशनर्स को कोई अन्य चिकित्सा सुविधा मिलेगी?
फिलहाल EPFO पेंशनर्स को CGHS या सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। इसलिए उनकी मुख्य चिकित्सा सहायता FMA ही है। यदि सरकार CGHS जैसी योजना का विस्तार नहीं करती है, तो FMA की राशि को बढ़ाने की मांग उठ सकती है।
निष्कर्ष
EPFO ने FMA के डबल भुगतान पर रोक लगाकर वित्तीय बचत करने की कोशिश की है, लेकिन इससे कई पेंशनर्स प्रभावित हो सकते हैं। यदि यह नियम वापस नहीं लिया जाता, तो EPFO पेंशनर्स को भविष्य में FMA की राशि बढ़ाने की मांग करनी पड़ सकती है।
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