CGHS New Rules: केंद्रीय कर्मचारियों के इलाज के लिए नई गाइडलाइन जारी, साथ मे आपके शहर-गॉव मे खोले जाएगे सेंटर

सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और उनके परिवारों के इलाज के लिए केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के नियमों में बदलाव करते हुए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सरल और सुलभ बनाना है। इसके तहत इमरजेंसी में इलाज की प्रक्रिया को आसान किया गया है और कई विशेष बीमारियों के लिए बार-बार रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी।

नई गाइडलाइन्स में बदलाव:

  1. इमरजेंसी में इलाज:
    अब इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आसानी से इलाज मिल सकेगा। इससे कर्मचारियों और उनके परिवारों को त्वरित चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।
  2. रेफरल प्रक्रिया में सुधार:
    कुछ विशेष बीमारियों के लिए बार-बार रेफरल की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। इससे मरीजों को बार-बार अस्पतालों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी और इलाज की प्रक्रिया तेज और सरल होगी।
  3. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज:
    नए नियमों के तहत अब सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों में CGHS लाभार्थियों के लिए कंसल्टेशन, जांच, और इलाज की सेवाएं और बेहतर हो जाएंगी। इससे मरीजों को कहीं भी इलाज कराने में सुविधा होगी।
  4. नई SOP जारी:
    24 सितंबर 2024 को सरकार ने एक ऑफिस मेमोरेंडम (OM) जारी किया था, जिसमें CGHS के पुराने नियमों को संशोधित करते हुए एक नया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस (SOP) पेश किया गया। इस SOP के अनुसार सभी स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सरल और प्रभावी बनाया जाएगा।

इस नई गाइडलाइन का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर और आसान चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है, जिससे उनके स्वास्थ्य का ध्यान और बेहतर तरीके से रखा जा सके।

वही पे भारत पेन्शनभोगी समाज ने केंद्र सरकार से कुछ मांगे की है, समाज ने कहा है किे जैसा कि आप जानते हैं, सरकार, CGHS में लगभग 16.3 लाख कार्ड धारकों को सेवा दे रही है, जिनमें 7.1 लाख सेवारत कर्मचारी और 9.2 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं, जो कुल 46 लाख लाभार्थियों को कवर करती है। ऐसे में, इसकी सेवाओं के विस्तार की अत्यधिक आवश्यकता है, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अत्यावश्यक है। हमें इसे पूरे भारत के 200 शहरों में विस्तारित करने की आवश्यकता है, जिसमें उत्तर-पूर्वी राज्य भी शामिल हैं।

हमारे विचार से, देशभर में, विशेष रूप से उत्तर-पूर्व, दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में, अधिक CGHS वेलनेस सेंटर खोले जाने चाहिए। वर्तमान महानगरों और राज्य की राजधानियों के अलावा, नई दिल्ली के बाहर भी अधिक CGHS वेलनेस सेंटर की आवश्यकता है। इसके लिए, CGHS के मौजूदा मानदंडों में 6000 कार्ड धारक होने की अनिवार्यता में छूट प्रदान करनी चाहिए ताकि देश के 200 से अधिक शहरों में नए वेलनेस सेंटर खोले जा सकें।

इसके अलावा, वर्तमान में, CGHS के विस्तार केंद्रों में डॉक्टरों या सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जाती, जिससे अन्य वेलनेस सेंटरों पर डॉक्टरों और स्टाफ की कमी हो रही है। CGHS विस्तार केंद्रों के लिए डॉक्टरों और स्टाफ की नियुक्ति अनिवार्य की जानी चाहिए ताकि इस समस्या का समाधान हो सके। उन शहरों में जहां 4000 से अधिक कार्ड धारक हैं, उन्हें भी एक वेलनेस सेंटर की सुविधा मिलनी चाहिए।

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