CGHS में दवाओं की गुणवत्ता पर उठे सवाल – पेंशनर्स ने सरकार से की सुधार की मांग

भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के महानिदेशक को पत्र लिखकर CGHS केंद्रों में वितरित की जा रही दवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त की है

हालांकि, सरकार ने हाल ही में 30 आवश्यक दवाओं की कीमतों में कटौती कर पेंशनर्स के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक किफायती बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया है, लेकिन इसके बावजूद CGHS केंद्रों पर वितरित की जा रही दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को लेकर पेंशनर्स में असंतोष बढ़ता जा रहा है


CGHS केंद्रों पर दवाओं की गुणवत्ता को लेकर क्या हैं समस्याएं?

  1. ब्रांडेड की बजाय केवल जेनेरिक दवाओं का प्रिस्क्रिप्शन:
    • CGHS केंद्रों पर डॉक्टरों को ब्रांडेड दवाओं की बजाय केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिया गया है।
    • हालांकि, कई पेंशनर्स को शिकायत है कि ये जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं जितनी प्रभावी नहीं होती हैं
  2. गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की परेशानी:
    • कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, गठिया, मूत्र संबंधी रोग जैसे गंभीर बीमारियों से पीड़ित पेंशनर्स को CGHS की दवाएं कारगर नहीं लग रही हैं
    • मरीजों को मजबूरन बाहर से ब्रांडेड दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
  3. दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल:
    • हाल ही में CGHS केंद्रों पर वितरित की जा रही कुछ जेनेरिक दवाओं की खराब गुणवत्ता की रिपोर्टें सामने आई हैं
    • सोशल मीडिया पर इन दवाओं की एक संदिग्ध सूची भी वायरल हुई थी, जिसने CGHS लाभार्थियों का विश्वास और अधिक कमजोर कर दिया है।

BPS ने सरकार के सामने रखीं प्रमुख मांगें

भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने सरकार और CGHS प्रशासन से निम्नलिखित सुधारों की मांग की है:

उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जो सख्त सुरक्षा और प्रभावशीलता मानकों पर खरी उतरें।

गंभीर और जानलेवा बीमारियों (कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज) से पीड़ित मरीजों के लिए ब्रांडेड दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन की अनुमति दी जाए

CGHS की दवा आपूर्ति श्रृंखला में गुणवत्ता नियंत्रण को मजबूत किया जाए, ताकि मानक से कम गुणवत्ता वाली दवाओं को हटाया जा सके

पेंशनर्स को दवाओं की प्रभावशीलता पर प्रतिक्रिया देने की सुविधा मिले, जिससे खराब दवाओं को जल्द हटाया जा सके

जेनेरिक दवाओं के चयन और स्वीकृति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाए, ताकि CGHS लाभार्थियों का विश्वास बहाल हो


सरकार से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद

CGHS पर लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की स्वास्थ्य सुविधाओं की जिम्मेदारी है। ऐसे में BPS ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करें और आवश्यक सुधार लागू करें

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। सरकार का यह दायित्व है कि वह CGHS लाभार्थियों को सुरक्षित, प्रभावी और उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराए

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और CGHS प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करते हैं और पेंशनर्स व वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं

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