जैसा कि आप जानते हैं, 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर अब चर्चाएं तेज हो गई हैं। सचिव के अनुसार, अप्रैल 2025 से इस पर आधिकारिक रूप से काम शुरू हो जाएगा। इससे पहले, विभिन्न विभागों और संगठनों की ओर से “टर्म्स ऑफ रेफरेंस” और कई सुझाव भेजे जा रहे हैं।
हाल ही में, भारतीय पोस्टल आरएमएस एडमिनिस्ट्रेटिव सुपरवाइजर एसोसिएशन ने 18 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन भेजा है, जिसमें केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की कई अहम मांगों को शामिल किया गया है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि इस ज्ञापन में क्या प्रमुख मांगे रखी गई हैं।
8वें वेतन आयोग के लिए 18 सूत्रीय मांगें
1. एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिले
संगठन ने मांग की है कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) जैसी सभी पेंशनरी सुविधाएं दी जाएं। इसमें 50% सुनिश्चित पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल सुविधाएं और अन्य कल्याणकारी लाभ शामिल किए जाने चाहिए।
2. फिटमेंट फैक्टर में संशोधन हो
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। 8वें वेतन आयोग में इसे संशोधित कर उच्चतम स्तर पर तय किया जाए। साथ ही, पिछले 65 वर्षों में हुए बदलावों के आधार पर नया फॉर्मूला बनाया जाए।
3. 5-दिन का कार्य सप्ताह (Five Days Working) लागू हो
वर्तमान में कुछ विभागों में 5-दिन का कार्य सप्ताह लागू है, जबकि कई विभागों में अभी भी शनिवार को कार्य करना अनिवार्य है। संगठन की मांग है कि सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 5-दिन का कार्य सप्ताह लागू किया जाए।
4. पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) का पुनर्गठन हो
7वें वेतन आयोग के वेतन मैट्रिक्स में कुछ विसंगतियां पाई गई हैं, जिनके कारण समान पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में असमानता बनी हुई है। इसलिए, नए वेतन आयोग में पे मैट्रिक्स का पुनर्गठन किया जाए।
5. MACP में संशोधन और प्रमोशन के नए नियम
Modified Assured Career Progression (MACP) योजना की समीक्षा की जाए और प्रत्येक कर्मचारी को 5 चरणों में प्रमोशन देने की नीति बनाई जाए।
6. न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित की जाए
50% न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक मजबूत पेंशन योजना बनाए और जीपीएफ (GPF) में मिलने वाले ब्याज के आधार पर पेंशन का निर्धारण हो।
7. सभी कर्मचारियों के लिए नियमित ट्रेनिंग अनिवार्य हो
सभी ग्रुप A, B, C और D कर्मचारियों को हर साल 4 सप्ताह की अनिवार्य ट्रेनिंग दी जाए ताकि वे अपने कार्य क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
8. प्रमोशन में वरिष्ठता और परीक्षा को समान रूप से मान्यता मिले
50% प्रमोशन वरिष्ठता के आधार पर और 50% प्रमोशन परीक्षा के आधार पर हो। इससे कर्मचारियों को उनकी मेहनत के अनुसार समान अवसर मिल सकेंगे।
9. LTC (Leave Travel Concession) में हवाई यात्रा की सुविधा दी जाए
सभी कर्मचारियों को कम से कम एक बार अखिल भारतीय स्तर पर हवाई यात्रा (Flight Travel) की सुविधा दी जाए।
10. बच्चों की शिक्षा भत्ता (Children Education Allowance) स्नातकोत्तर (Post Graduation) तक मिले
वर्तमान में बाल शिक्षा भत्ता (CEA) और हॉस्टल सब्सिडी ग्रेजुएशन तक ही मिलती है। इसे स्नातकोत्तर (Post Graduation) स्तर तक बढ़ाने की मांग की गई है।
11. CGHS की सुविधाओं की समीक्षा की जाए
कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट और CGHS (Central Government Health Scheme) की सुविधाओं का विस्तार किया जाए।
12. समान ग्रेड वेतन (Grade Pay) लागू किया जाए
वर्तमान में कई विभागों में समान पदों के लिए अलग-अलग ग्रेड पे निर्धारित हैं। इसलिए, सभी विभागों में समान ग्रेड पे लागू किया जाए।
13. जोखिम भत्ता (Risk Allowance) समान रूप से दिया जाए
जो कर्मचारी समान जोखिम वाले कार्य कर रहे हैं, उन्हें समान भत्ता (Risk Allowance) दिया जाए।
14. समान सैन्य सेवा वेतन (MSP) लागू किया जाए
संगठन ने मांग की है कि समान MSP (Military Service Pay) को 8वें वेतन आयोग में शामिल किया जाए।
15. OROP (One Rank One Pension) सभी कर्मचारियों के लिए लागू हो
सभी पूर्व सैनिकों (Pre-Mature Retirees सहित) को OROP का लाभ मिलना चाहिए।
16. केंद्रीय कर्मचारियों को विशेष वेलफेयर योजनाएं मिलें
संगठन ने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए विशेष वेलफेयर योजनाओं की मांग की है।
17. केंद्रीय कर्मियों को घर खरीदने के लिए विशेष सुविधा मिले
केंद्रीय कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए विशेष ब्याज दर पर ऋण (Loan) की सुविधा दी जाए।
18. मंत्रालयों को समय पर मांगें भेजने की अपील
अप्रैल 2025 में 8वें वेतन आयोग पर काम शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी तक कई विभागों ने अपने सुझाव नहीं भेजे हैं। ऐसे में, सभी मंत्रालयों और विभागों को जल्द से जल्द अपने सुझाव सरकार को भेजने चाहिए।
क्या पूर्व सैनिकों और सशस्त्र बलों की मांगें शामिल हैं?
अब सवाल यह उठता है कि क्या पूर्व सैनिक और सेना से जुड़े संगठनों ने अपनी मांगें भेजी हैं? अभी तक, रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) और DOPT को पूर्व सैनिक संगठनों से कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
यदि समय पर मांगें नहीं भेजी गईं, तो बाद में प्रदर्शन करने का कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए, पूर्व सैनिक संगठनों और सेना से जुड़े संगठनों को भी जल्द से जल्द अपनी मांगें मंत्रालय को भेजनी चाहिए।
आपकी राय क्या है?
दोस्तों, 8वें वेतन आयोग में कौन-कौन सी मांगें शामिल होनी चाहिए? आपकी क्या राय है? कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।