स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने CGHS (केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना) पैनल में शामिल सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य संस्थानों (HCOs) के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसका उद्देश्य मरीजों की शिकायतों को दूर करना और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करना है।
हाल के समय में, बिलिंग धोखाधड़ी, अधिक शुल्क वसूलने और इलाज से इनकार जैसी शिकायते देखने को मिल रही थी। इन सभी मुद्दों पे लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है।
क्या है दिशानिर्देश
भारत सरकार द्वारा इस आदेश में सभी स्वास्थ्य संस्थानों (HCO) को दिशा-निर्देश दिया गया है कि इन बातों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। तो चलिये जान लेते है क्या है दिशा-निर्देश।
मरीजों को सेवा से इनकार नहीं
स्वास्थ्य संस्थानों को किसी भी पात्र CGHS लाभार्थी को सेवा देने से मना नहीं किया जा सकता।
विशेष परिस्थितियों में दस्तावेज़ीकरण
यदि मरीज की मृत्यु हो जाती है या वह कोमा में है, तो अंतिम बिल पर लाभार्थी के परिचारक के हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर दर्ज करना अनिवार्य है।
मामलों की सूचना देना
सभी स्वास्थ्य संस्थानो (HCO) को सभी गैर-रेफरल मामलों, आपातकालीन भर्ती, और 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के मरीजों के सीधे प्रवेश की जानकारी 24 घंटे के भीतर संबंधित अतिरिक्त निदेशक (AD) के ईमेल पर भेजनी होगी।
समय पर रिपोर्टिंग का महत्व
जिन मामलों की सूचना समय पर नहीं दी जाएगी, उनके बिलों की स्वीकृति प्रक्रिया में देरी या अस्वीकृति हो सकती है।
बेड उपलब्धता और वार्ड का आवंटन
अस्पताल को विभिन्न वार्डों और आईसीयू में उपलब्ध बेड की जानकारी प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करनी होगी। लाभार्थियों को उनके पात्र वार्ड की श्रेणी में ही भर्ती किया जाए। निम्न श्रेणी में आवंटन अस्वीकार्य है।
प्रिस्क्रिप्शन और दवाओं के नियम
डॉक्टरों को दवाएं सामान्य नाम में और बड़े अक्षरों में लिखनी होंगी।
CGHS दवाओं की स्वीकृति
संस्थानों को CGHS द्वारा प्रदान की गई दवाओं को स्वीकार करना होगा। यदि अस्वीकार किया जाता है, तो दवाओं की खरीद रसीद प्रस्तुत करनी होगी।
इंप्लांट और उपकरणों से संबंधित दिशा-निर्देश
CGHS दर से अधिक मूल्य का चयन
यदि लाभार्थी किसी इंप्लांट या उपकरण को CGHS दर से अधिक कीमत पर चुनता है, तो लिखित सहमति लेनी होगी। यह सहमति बिल के साथ संलग्न की जाएगी।
सूचना का सार्वजनिक प्रदर्शन: सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य संघटनो को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करना होगा। अस्पताल को पैनल की स्थिति, दरें, और नोडल अधिकारी का विवरण प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करना होगा।
हेल्प डेस्क की स्थापना
प्रत्येक अस्पताल को CGHS हेल्प डेस्क/कियोस्क स्थापित करना अनिवार्य है।
कार्ड रखने की मनाही
लाभार्थियों के CGHS कार्ड को अस्पताल द्वारा जमा करना या अपने पास रखना सख्त वर्जित है।
अधिक शुल्क पर रोक
लाभार्थियों से CGHS द्वारा निर्धारित पैकेज दरों से अधिक राशि वसूलना प्रतिबंधित है।
फर्जी बिलिंग पर सख्त कार्रवाई
फर्जी बिल या जाली दस्तावेज प्रस्तुत करना वित्तीय धोखाधड़ी मानी जाएगी। इसके They FIR सहित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
सरकार ने CGHS पैनल में शामिल स्वास्थ्य संस्थानों को स्पष्ट कर दिया है कि उल्लंघन के मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना और लाभार्थियों को बेहतर अनुभव प्रदान करना है। सभी अस्पतालों से अपेक्षा की जाती है कि वे इन नियमों का सख्ती से पालन करें।