केंद्र सरकार जल्द ही आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर सकती है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। लोकसभा चुनावों में अपेक्षाकृत सीटें कम मिलने के बाद, सरकार पर कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का दबाव बढ़ गया है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार आठवें वेतन आयोग की घोषणा पर विचार कर रही है।
वेतन आयोग का इतिहास
भारत में हर दस साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। सातवां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू किया गया था, और अब इसके लगभग आठ साल बाद, कर्मचारियों द्वारा आठवें वेतन आयोग की मांग की जा रही है। हालांकि, सातवें वेतन आयोग के लागू होने के समय, सरकार ने कहा था कि भविष्य में नए वेतन आयोग की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन, बदली हुई आर्थिक परिस्थितियों और कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए, सरकार को इस पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है।
फिटमेंट फैक्टर और वेतन में बदलाव की संभावना
सातवें वेतन आयोग के दौरान, सरकारी कर्मचारियों ने 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे 2.57 पर निर्धारित किया। फिटमेंट फैक्टर वह गुणक है, जिसके आधार पर कर्मचारियों का वेतन और पेंशन निर्धारित होती है। सातवें वेतन आयोग के तहत, न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया था। अब, आठवें वेतन आयोग के लिए कर्मचारियों की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को 3.68 पर निर्धारित किया जाए। यदि ऐसा होता है, तो वेतन और पेंशन में लगभग 30% तक की वृद्धि हो सकती है।
राजनीतिक दबाव और वेतन आयोग की मांग
हाल के समय में, कर्मचारियों और पेंशनर्स ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली और आठवें वेतन आयोग की घोषणा की मांग को तेज कर दिया है। “OPS नहीं तो वोट नहीं” जैसे नारों के साथ, कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी जताई, जिससे सरकार को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने पर मजबूर होना पड़ा। इसी तरह का दबाव आठवें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर भी बन रहा है। यही कारण है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है।
आगामी चुनाव और राजनीतिक समीकरण
हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में चुनावो की घोसणा हो गयी है वही पे महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में भी चुनाव होंगे। लोकसभा चुनावों में अपेक्षित सीटें न मिलने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को यह महसूस हुआ है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगों को नजरअंदाज करना राजनीतिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है। इसी वजह से, सरकार ने आठवें वेतन आयोग की तैयारी शुरू कर दी है और इसके नए साल से पहले घोषित होने की उम्मीद है।
आठवें वेतन आयोग की संभावित सिफारिशें
- फिटमेंट फैक्टर:
- कर्मचारियों की मांग 3.68 फिटमेंट फैक्टर की है, जिससे न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तक पहुंच सकता है।
- न्यूनतम पेंशन:
- वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 13000 रुपये करने का प्रस्ताव हो सकता है।
आठवें वेतन आयोग की समयसीमा और आगामी कदम
यदि आठवां वेतन आयोग गठित होता है, तो इसे अपनी सिफारिशें देने में लगभग एक साल का समय लग सकता है। यह आयोग 2026 से लागू हो सकता है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। इसके बावजूद, केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार 25 सितंबर को होनेवाली बैठक में इस पर कोई ठोस निर्णय लेगी।
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद, सरकार को कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा करने और उनकी मांगों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत होगी। आगामी कैबिनेट बैठक में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और कर्मचारियों की अपेक्षाओं को किस हद तक पूरा कर पाती है। इससे सरकार और कर्मचारियों के बीच तालमेल भी बेहतर हो सकता है, जो कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा।