केंद्रीय पेंशनभोगियों को लेकर सरकार की उदासीनता अब किसी से छिपी नहीं है। 18 महीने का महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का एरियर अभी तक नहीं दिया गया, और समय पर DA/DR नहीं मिल रहा। महंगाई के इस दौर में पेंशनभोगियों की समस्याओं को नजरअंदाज करना कहां तक सही है?
1. 18 महीने का DA/DR एरियर कहां गया?
जनवरी 2020 से जून 2021 तक कोविड-19 के नाम पर DA/DR के तीन इंस्टॉलमेंट को रोक दिया गया था। सरकार ने इसे बाद में देने से इनकार कर दिया, जबकि यह पेंशनभोगियों और कर्मचारियों का हक था। आज तक यह एरियर नहीं मिला।
✅ पेंशनर्स संगठन लगातार मांग कर रहे हैं कि सरकार DA/DR एरियर का भुगतान करे।
✅ अगर सरकार इस पर फैसला नहीं लेती, तो वरिष्ठ नागरिकों और कर्मचारियों में नाराजगी बनी रहेगी।
2. 10 साल में डबल पेंशन का लाभ क्यों बंद कर दिया गया?
पहले पेंशनभोगियों को 80 वर्ष की आयु के बाद डबल पेंशन का लाभ मिलता था, लेकिन इसे रोक दिया गया।
✅ क्या सरकार यह समझती है कि 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों की जरूरतें कम हो जाती हैं?
✅ वृद्धावस्था में अधिक खर्च होते हैं – स्वास्थ्य, दवाएं, देखभाल आदि पर। ऐसे में डबल पेंशन बहाल होनी चाहिए।
3. DA/DR समय पर क्यों नहीं मिलता?
महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन पेंशनभोगियों को समय पर महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) नहीं दिया जाता।
✅ सरकार को DA/DR की गणना हर 3 महीने में करनी चाहिए, ताकि वास्तविक महंगाई का लाभ मिले।
✅ DA/DR को स्वचालित रूप से जारी करने का प्रावधान किया जाए, ताकि पेंशनभोगियों को देरी से भुगतान की परेशानी न हो।
4. मेडिकल अलाउंस में कोई सुधार क्यों नहीं?
वर्तमान में 1000 रुपये का मेडिकल अलाउंस पेंशनर्स को दिया जाता है, जो कि आज के महंगाई के दौर में बहुत कम है।
✅ मेडिकल अलाउंस को बढ़ाकर कम से कम ₹5000 किया जाए।
✅ CGHS सुविधाओं में सुधार किया जाए और सभी जिलों में CGHS केंद्र खोले जाएं।
सरकार सिर्फ लेने में खुश, देने में उदासीन?
सरकार कर वसूली, GST, महंगाई बढ़ाने और कर्मचारियों की सुविधाएं काटने में आगे रहती है, लेकिन जब देने की बारी आती है तो कोई ठोस कदम नहीं उठाती।
✅ पेंशनभोगी अपने जीवनभर देश की सेवा करते हैं, फिर उनके हक से अन्याय क्यों?
✅ सरकार को जल्द से जल्द इन सभी मुद्दों पर निर्णय लेना चाहिए, अन्यथा इसका असर आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा।
अब समय आ गया है कि पेंशनभोगी अपनी आवाज बुलंद करें और सरकार से अपने अधिकारों की मांग करें!