खुशखबरी, पेंशनभोगियो को शानदार तोहफा– हाई कोर्ट ने दी बड़ी सौगात

सेवानिवृत्त कर्मचारियों यानी कि पेंशनधारको के लिए राहतभरी खबर आयी है। हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्ति के छह माह बाद सामान्य भविष्य निधि (GPF) से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती। यह फैसला उन हजारों सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है, जिनसे सेवानिवृत्ति के काफी समय बाद अनियमित वेतन निकासी या अन्य कारणों से GPF से वसूली की जाती थी।

क्या है मामला?

छत्तीसगढ़ के गौरेला निवासी हृदयनारायण शुक्ला, जो स्वास्थ्य विभाग में पर्यवेक्षक (पुरुष) के पद पर कार्यरत थे, 30 जून 2020 को सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के नौ माह बाद, महालेखाकार कार्यालय ने उनके GPF खाते में ऋणात्मक शेष बताते हुए अधिक वेतन निकासी के आधार पर वसूली आदेश जारी कर दिया।

हाई कोर्ट में चुनौती और निर्णय

श्री शुक्ला ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और स्वाति सराफ के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि:

  • छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि नियम 1955
  • छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976

इन नियमों के अनुसार, GPF खाते से किसी भी प्रकार की वसूली सेवानिवृत्ति से पहले या सेवानिवृत्ति के अधिकतम 6 माह के भीतर ही की जा सकती है। इसके बाद की गई कोई भी वसूली नियमों का उल्लंघन होगी।

हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए महालेखाकार कार्यालय के वसूली आदेश को निरस्त कर दिया और आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को उनकी सम्पूर्ण बकाया GPF राशि तत्काल भुगतान की जाए।

इस फैसले का क्या असर होगा?

  1. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सुरक्षा – इस फैसले के बाद अब 6 माह से अधिक समय बाद GPF से वसूली नहीं की जा सकेगी।
  2. महालेखाकार कार्यालयों की जवाबदेही – सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी और मनमाने वसूली आदेश जारी करने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
  3. कर्मचारियों में जागरूकता बढ़ेगी – सरकारी कर्मचारी अब अपने अधिकारों को लेकर अधिक सतर्क रहेंगे और जरूरत पड़ने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकेंगे।

निष्कर्ष

हाई कोर्ट का यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय स्पष्ट करता है कि GPF से किसी भी तरह की वसूली, सेवानिवृत्ति के 6 माह बाद अवैध मानी जाएगी। ऐसे मामलों में कर्मचारियों को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और वे उचित कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

2 thoughts on “खुशखबरी, पेंशनभोगियो को शानदार तोहफा– हाई कोर्ट ने दी बड़ी सौगात”

  1. Sir, epfo account contribution has been conducted by owner
    employer, institute owner .initial name has filed.but other documentation had fully name as Adhar.Due to this UAN is not activated as Adhar in name. Employer did not do any correction,submission of higher wage as per eps member even though court result for hike in pension.

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