OPS बनाम UPS, कर्मचारियो की नाराजगी और सरकार से सीधी माँग, कर्मचारियों की मांग बरकरार!

हाल ही में “ऑल इंडिया नेशनल पब्लिक सेक्टर एम्प्लॉई फेडरेशन” के एक प्रतिनिधिमंडल ने कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय (DoPPW) और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अधिकारियों से मुलाकात की। इस अवसर पर डॉ जितेंद्र सिंह ने ट्वीट करके कहा कि कर्मचारी संघटनो ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में सरकार के योगदान को 10% से बढ़ाकर 14% करने के निर्णय की सराहना की। ऐसे में सवाल उठता है कि यह नियम तो 6 साल पहले लागू हो चुका है तो अब इसकी सराहना कर्मचारी संघटन क्यो करेंगे।
ऐसे में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा NPS और UPS को लेकर की गई टिप्पणी ने देशभर के 87 लाख सरकारी कर्मचारियों के बीच नाराजगी बढ़ा दी है। कर्मचारी संगठनों का साफ कहना है कि उन्हें न तो NPS चाहिए और न ही UPS, बल्कि वे सिर्फ पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली चाहते हैं।

कर्मचारी ने दिया करारा जवाब

इस अवसर पर डॉ जितेंद्र सिंह के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए एक कर्मचारी श्री विनायक चौथे जी ने लिखा है कि
प्रिय जितेंद्र सिंग जी , आज जो आपने लिखा हैं, यह वाकई यह हास्यास्पद हैं, क्योंकी NPS में सरकार का contribution 10% से 14 % बढे हुए 6 साल हो चुके हैं.. तो क्या 6 साल पहले किए गए इस बदलाव के लिए इस डेलिगेशन ने आपको आज बधाई दी हैं.?
वैसे शायद हो सकता हैं UPS के लिए बधाई दी होगी.. लेकिन एक बात कृपया आप जान लिजीए की देश के 87 लाख NPS होल्डर सरकारी कर्मचारी UPS नहीं OPS चाहते हैं.. लेकिन कर्मचारीयों का पैसा हडप कर उसके बदले पेन्शन देने का प्रावधान वाली उटपटांग पेन्शन स्कीम (UPS ) किसी को भी मंजूर नहीं हैं। और तो और इस UPS के गझेट नोटिफिकेशन ने तो और भी धोका देने का काम किया हैं। उस नोटिफिकेशन में बेंचमार्क कॉर्पस लाकर और ग्रॅच्युटी का जिक्र ना कर , जो वादे किए थे उससे भी मुकरने का काम हुआ हैं।
कई बाते हैं जो आपसे कहनी हैं, लेकिन उनसब बातों को रखने के लिए आपको हमारे NMOPS जैसे सच्चे कर्मचारी हितैशी संगठन से बैठक करना चाहीए।
@DOPPW_India

🚨 कर्मचारी संगठनों का गुस्सा क्यों?

🔹 NPS में सरकार का योगदान 10% से 14% करने का फैसला 6 साल पहले ही लिया गया था, लेकिन अब इसे दोबारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।
🔹 UPS (Unified Pension Scheme) को OPS का विकल्प बताया जा रहा है, जबकि यह कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता।
🔹 UPS गज़ट नोटिफिकेशन में कई वादों से सरकार पीछे हट गई, जैसे:
✅ बेंचमार्क कॉर्पस की शर्त जोड़ दी गई
✅ ग्रेच्युटी का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया
✅ पेंशन की गारंटी अधूरी रह गई

📢 कर्मचारियों की सरकार से सीधी मांग

✔ NPS को पूरी तरह खत्म किया जाए और OPS को फिर से लागू किया जाए।
✔ सरकारी कर्मचारियों के हितों की अनदेखी बंद की जाए और NMOPS जैसे संगठन के साथ सीधी वार्ता की जाए।
✔ UPS जैसी नई पेंशन स्कीम को जबरदस्ती लागू न किया जाए, क्योंकि कर्मचारी अपने योगदान के बदले पेंशन नहीं, सुरक्षित OPS चाहते हैं।

⚡ सरकार को कर्मचारियों की आवाज़ सुननी होगी!

सरकारी कर्मचारी संगठन साफ कर चुके हैं कि वे UPS को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। अब देखना यह होगा कि सरकार OPS बहाल करने की मांग को गंभीरता से लेती है या नहीं।

👉 आपका क्या कहना है? क्या सरकार को OPS बहाल करनी चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं!

1 thought on “OPS बनाम UPS, कर्मचारियो की नाराजगी और सरकार से सीधी माँग, कर्मचारियों की मांग बरकरार!”

  1. पुरानी पैशन स्कीम (OPS) लागू की जाए। नेता लोगों को क्यों ओर कर्मचारियों ने जिन्होंने लम्बे समय तक सेवा दी उनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों? सभी कर्मचारियों को इसकी पुरजोर मांग करने की आवश्यकता है।

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