आजकल साइबर ठग पेंशनभोगी को निशाना बनाकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं। ये ठग खुद को बैंक कर्मचारी या पेंशन विभाग का कर्मचारी बताकर पेंशनधारकों से बैंक संबंधी जानकारी मांगते हैं और फिर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते हैं। ऐसे मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं।
ठगी के आम हथकंडे
- लॉटरी या इनाम का झांसा: साइबर ठग पेंशनभोगियों को लॉटरी या इनाम जीतने का झांसा देकर उनसे बैंक डिटेल मांगते हैं।
- एटीएम ब्लॉक होना: ठग अक्सर एटीएम कार्ड ब्लॉक होने की झूठी सूचना देकर बैंक खाता वेरिफिकेशन के नाम पर पेंशनभोगियों से जरूरी जानकारी मांगते हैं।
- बैंक कर्मचारी बनकर: कई ठग बैंक, आरबीआई, या इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बनकर डेबिट/क्रेडिट कार्ड, आधार और पैन कार्ड की जानकारी मांगते हैं।
- लाइट बिल का ना भरना: ठग कॉल करके कहते है कि आपने बिल नही भरा है इसलिए आपकी लाइट काटी जा रही है, इस प्रकार वे अपने जाल में फसा लेते है।
बचाव के उपाय
- बैंक डिटेल न साझा करें: कोई भी बैंक कर्मचारी आपसे कभी भी आपके एटीएम कार्ड, पिन, पासवर्ड या ओटीपी की जानकारी नहीं मांगता। इसलिए, किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक डिटेल साझा न करें।
- फ्रॉड कॉल की सूचना दें: अगर आपको किसी संदिग्ध नंबर से कॉल आती है, तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें। इससे पुलिस उस ठग तक पहुंच सकती है और भविष्य में किसी और को ठगी का शिकार बनने से बचा सकती है।
- एसएमएस अलर्ट चालू करवाएं: अपने बैंक में जाकर एसएमएस अलर्ट सेवा को सक्रिय करवाएं ताकि हर छोटी-बड़ी लेनदेन की जानकारी आपको तुरंत मिले।
- पासबुक अपडेट रखें: समय-समय पर अपनी पासबुक अपडेट करवाते रहें ताकि आपके खाते की सभी लेन-देन की जानकारी आपको मिलती रहे।
- अंजान लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और ऐसे किसी भी संदिग्ध लिंक से बचें जो आपको फोन या मैसेज के जरिए भेजा गया हो।
क्या करें अगर ठगी का शिकार हो जाएं?
- तुरंत अपने बैंक कार्यालय या मैनेजर से संपर्क करें और अपना खाता अस्थायी रूप से फ्रीज करवा दें।
- पुलिस में शिकायत दर्ज करें और मामले की पूरी जानकारी दें।
- साइबर क्राइम की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
साइबर अपराधों से बचने के लिए सावधानी और जागरूकता बहुत जरूरी है। पेंशनधारकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी गोपनीय जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए। यदि कोई संदेहास्पद कॉल या मैसेज आता है, तो तुरंत उसकी सूचना पुलिस को दें। सुरक्षित और सतर्क रहकर ही हम साइबर ठगों से बच सकते हैं।