पेंशनभोगियों के अतिरिक्त पेंशन (Additional Pension) को लेकर खुशखबरी आ रही है। आपको बता दे कि वडोदरा, गुजरात की रहने वाली माधुबेन की कहानी एक ऐसे परिवार पेंशनभोगी की है, जिन्होंने अपने हक के लिए वर्षों तक संघर्ष किया।
उनके पति, स्वर्गीय श्री अरविंदभाई जोशी, भारतीय रेलवे में कार्यरत थे। उनके निधन के बाद माधुबेन को परिवार पेंशन तो मिल रही थी, लेकिन उनकी जन्म तिथि PPO (पेंशन भुगतान आदेश) में दर्ज नहीं थी। इस गलती के कारण उन्हें 80 वर्ष की आयु पूरी करने पर मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
अतिरिक्त पेंशन (Additional Pension) मिलने में समस्या
माधुबेन के पति का निधन 08 अप्रैल 2004 को हुआ, जिसके बाद उन्हें परिवार पेंशन मिलनी शुरू हुई। हालांकि, 7वें वेतन आयोग के अनुसार उनकी पेंशन संशोधित होने के बाद भी PPO में उनकी जन्म तिथि शामिल नहीं की गई। जब माधुबेन ने 80 वर्ष की आयु पूरी की, तो उन्हें अतिरिक्त पेंशन पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कई मंचों पर शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन उन्हें कोई समाधान नहीं मिला।
CPENGRAMS पोर्टल पर शिकायत दर्ज
थक-हार कर, उन्होंने 22 जून 2024 को CPENGRAMS पोर्टल पर एक शिकायत (DOPPW/E/2024/0043213) दर्ज कराई। इसमें उन्होंने PPO में अपनी जन्म तिथि जोड़ने और अतिरिक्त पेंशन स्वीकृत करने की मांग की। हालांकि, उनकी शिकायत को भारतीय रेलवे ने यह कहते हुए बंद कर दिया कि कुछ दस्तावेज़ों की आवश्यकता है।
DOPPW की सक्रिय भूमिका
माधुबेन के मामले को डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DoPPW) ने गंभीरता से लिया और इसे दो बार पुनः पंजीकृत किया गया। इसके अलावा, इसे अंतर-मंत्रालयीय समीक्षा बैठकों में भी उठाया गया ताकि जल्द से जल्द समाधान हो सके।
सफल समाधान और वित्तीय राहत
DoPPW के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, माधुबेन का मामला सफलतापूर्वक हल हो गया। उनकी जन्म तिथि PPO में शामिल कर दी गई और अतिरिक्त पेंशन स्वीकृत की गई। इसके साथ ही, उन्हें 9 लाख रुपये के बकाया भुगतान भी किए गए। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता थी, जिससे उन्हें राहत मिली।
निष्कर्ष
माधुबेन की यह कहानी उन लाखों पेंशनभोगियों के लिए प्रेरणा है, जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह DoPPW जैसे विभागों की तत्परता और उनके प्रयासों का भी प्रमाण है कि सही दिशा में लगातार प्रयास करने से समाधान अवश्य मिलता है।