केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम (NPS) की जगह अब सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम लॉन्च करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति बनी है, जिसे यूनियन द्वारा भी स्वीकार कर लिया गया है।
UPS के तहत क्या है नई व्यवस्था?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले का ऐलान करते हुए बताया कि सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से मांग थी कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लागू किया जाए। हालांकि, सरकार ने OPS को पूरी तरह से लागू नहीं किया, लेकिन NPS में संशोधन करते हुए एक नई पेंशन व्यवस्था लाई गई है। UPS के तहत अब सरकारी कर्मचारियों को बेहतर पेंशन सुविधाएं दी जाएंगी, जिसमें रिटायरमेंट पर पेंशन के साथ महंगाई भत्ता (DA) भी शामिल होगा।
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की प्रमुख विशेषताएं
- सुनिश्चित पेंशन: UPS के अंतर्गत, 25 वर्षों की सेवा करने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। जिनकी नौकरी का कार्यकाल 25 वर्षों से कम होगा, उन्हें उनकी सेवा अवधि के अनुसार पेंशन का प्रावधान किया जाएगा। 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा के बाद भी यह योजना लागू होगी।
- सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन: UPS के अंतर्गत कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को उसकी पेंशन का 60% मिलेगा।
- सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: UPS में न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर ₹10,000 प्रति माह की पेंशन मिलेगी।
- महंगाई सूचकांक: पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और न्यूनतम पेंशन पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आधार पर महंगाई राहत दी जाएगी।
- सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान: UPS में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर उनके मासिक वेतन और महंगाई भत्ते (DA) के आधार पर एकमुश्त भुगतान मिलेगा। प्रत्येक छह महीने की पूर्ण सेवा के लिए 1/10वां हिस्सा दिया जाएगा। यह भुगतान पेंशन की राशि में कमी नहीं करेगा।
NPS से UPS तक का सफर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अप्रैल 2023 में NPS में सुधार के लिए एक समिति गठित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता डॉ. सोमनाथन ने की। इस समिति ने NPS के तहत पेंशन को अंतिम बेसिक का 50% करने की सिफारिश की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे स्वीकार करते हुए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की मंजूरी दी है। UPS 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली है।
कर्मचारियों का क्या है रुख?
सरकारी कर्मचारी हालांकि अभी भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लाने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि NPS में संशोधन पर्याप्त नहीं है, और वे पूरी तरह से OPS की बहाली चाहते हैं। UPS को लेकर कर्मचारियों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि UPS में जो प्रावधान किए गए हैं, वे NPS से भी कमजोर हैं।
कर्मचारियों के अनुसार, UPS में सरकार ने अंशदान बढ़ाकर 18.5% कर दिया है, और 25 साल की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों को 50% पेंशन दी जाएगी, लेकिन जिनकी नौकरी का कार्यकाल कम होगा, उन्हें केवल ₹10,000 प्लस DA मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने उनके अंशदान का 10% हिस्सा भी अपने पास रखने का प्रावधान किया है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ गई है।
निष्कर्ष
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन कर्मचारियों के बीच अभी भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग बनी हुई है। UPS के प्रावधानों को लेकर कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और यह देखना होगा कि आने वाले समय में इस पर कैसे प्रतिक्रिया होती है।