भारत सरकार ने हाल ही में सिविल सर्विस (असाधारण पेंशन) नियम, 1939 में बड़े सुधार किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य सरकारी पेंशनभोगियों और उनके परिवारों को अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। विशेष रूप से, विकलांगता या अन्य असाधारण परिस्थितियों में पेंशन नियमों को और अधिक व्यवहारिक और लाभकारी बनाया गया है।
कांस्टेन्ट अट्टडेन्ट अलाउंस की दर में वृद्धि
सिविल सेवाओं में 100% विकलांगता झेलने वाले कर्मचारियों के भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। ऐसे पेंशनभोगी जो विकलांगता की वजह से किसी दूसरे पे निर्भर है या अपनी देखरेख के लिए किसी अट्टडेन्ट को रखे है तो उनके भत्ते में बढ़ोतरी कर दी गयी है। ऐसे पेंशनभोगियो के भत्ते में महत्वपूर्ण वृद्धि का फैसला किया गया है।
पहले की दर | नई दर | प्रभावी होने की तिथि | एरियर |
6750 रुपये | 8438 रुपये | 01.01.2024 | 16880 रुपये |
- पहले कांस्टेस्ट अट्टडेन्ट अल्लोवंस (CAA) की दर 6750 रुपये महीना थी, जिसे बढ़ाकर ₹8438 कर दिया गया है।
- इसके अतिरिक्त, विकलांग कर्मचारियों को चिकित्सा सहायता और अन्य लाभ भी प्रदान किए जाएंगे।
भत्ते में बढ़ोतरी करने का कारण
इसमें बढ़ोतरी करने का कारण महँगाई भत्ता में वृद्धि है। नियम के अनुसार जैसे ही DA 50% के ऊपर जाता है तो इस भत्ते में बढ़ोतरी करने का प्रावधान था। अब इसमें 25% बढोतरी कर दिया गया है। इसका फायदा 1 जनवरी 2024 से एरियर के रूप में मिलेगा। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अब अपनी सेवाएं नहीं दे सकते।
सरकार का प्रयास और भविष्य की उम्मीदें
इन सुधारों से यह साफ हो जाता है कि सरकार अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के प्रति सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है और उनके लिए भविष्य में और अधिक लाभकारी योजनाओं की उम्मीद को बढ़ाता है।
निष्कर्ष
1939 के सिविल सर्विस (असाधारण पेंशन) नियमों में किए गए ये संशोधन न केवल कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाएंगे, बल्कि उनके परिवारों को भी एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य प्रदान करेंगे। सरकार की यह पहल कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने के साथ-साथ उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।