8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के लिए CRPF ने दिए 12 महत्वपूर्ण सुझाव

8th Pay Commission: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के उत्तराखंड सेक्टर ने 8वें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों (Terms of Reference – ToR) पर 12 अहम सुझाव दिए हैं। इन सुझावों में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS), पैरामिलिट्री भत्ता, टैक्स-फ्री जोखिम भत्ता, टैक्स-फ्री राशन भत्ता और 2IC का पे स्केल अपग्रेड करने जैसी मांगें शामिल हैं।


8th Pay Commission पर गृह मंत्रालय से मांगे गए सुझाव

16 जनवरी 2025 को केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से आयोग की संभावित संदर्भ शर्तों (ToR) पर सुझाव मांगे। गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPFs) – CRPF, BSF, CISF, ITBP, SSB, NSG, और असम राइफल्स – को अपनी विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा।

CRPF के उत्तराखंड सेक्टर ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को सौंप दी है, जो वित्त मंत्रालय को भेजी जाएगी।


CRPF के 12 प्रमुख सुझाव

1. फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी

CRPF ने फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 2.86 करने की मांग की है।

2. पैरामिलिट्री भत्ता

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए अलग से पैरामिलिट्री भत्ता लागू करने की सिफारिश की गई है।

3. पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली

CRPF और अन्य बलों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की मांग की गई है।

4. ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (OROP) का प्रावधान

CRPF कर्मियों को भी ‘वन रैंक, वन पेंशन’ का लाभ दिया जाए, जिससे रिटायर्ड कर्मियों को समान पेंशन मिले।

5. शिशु शिक्षण भत्ता (CEA) में बढ़ोतरी

  • महंगाई दर को देखते हुए शिशु शिक्षण भत्ता बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
  • 12वीं कक्षा तक मिलने वाले इस भत्ते को स्नातक तक लागू करने की मांग की गई है।
  • यह पूरी तरह आयकर मुक्त किया जाए।

6. टैक्स-फ्री राशन भत्ता

CRPF कर्मियों को मिलने वाले राशन भत्ते को आयकर से मुक्त करने की मांग की गई है।

7. टैक्स-फ्री जोखिम भत्ता

CRPF जवानों को मिलने वाले जोखिम भत्ते को आयकर की सीमा से बाहर किया जाए।

8. केंद्रीय कर्मचारियों को रोड टैक्स में छूट

जो केंद्रीय सरकारी कर्मचारी आयकर देते हैं, उन्हें वाहन टैक्स (Road Tax) और अन्य करों से छूट दी जाए।

9. स्थानांतरण भत्ता में सुधार

  • CRPF के ग्रुप सेंटर में कई बटालियनें अलग-अलग राज्यों में तैनात होती हैं।
  • लेकिन, एक ही ग्रुप सेंटर के कारण कर्मियों को स्थानांतरण भत्ता और यात्रा भत्ता नहीं मिलता
  • इसे बटालियन मुख्यालय के आधार पर लागू करने की मांग की गई है।

10. 2IC का पे स्केल अपग्रेड

  • द्वितीय कमान अधिकारी (2IC) का पे स्केल लेवल 12 से बढ़ाकर 13 किया जाए
  • इसे ‘पे बैंड 4’ में शामिल किया जाए, जो सेना की संरचना के समान हो।

11. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में सुधार

CRPF अधिकारियों के आवास भत्ते (HRA) को अन्य रैंक के पीवीआर के समान किया जाए।

12. माता-पिता की देखभाल के लिए विशेष अवकाश

  • CRPF कर्मियों को माता-पिता की देखभाल के लिए विशेष अवकाश (CCL जैसी सुविधा) दी जाए

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में OPS बहाली पर गतिरोध

अलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन और अन्य केंद्रीय कर्मचारी संगठन अर्धसैनिक बलों में OPS लागू करने की लगातार मांग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने CAPFs को “भारत संघ के सशस्त्र बल” के रूप में मान्यता दी थी।
  • कोर्ट ने NPS (न्यू पेंशन स्कीम) को रद्द करने का आदेश दिया था।
  • लेकिन केंद्र सरकार ने इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया है।

संसद में उठ चुका है मुद्दा

OPS को लेकर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 11 लाख जवानों और अधिकारियों को अभी तक राहत नहीं मिली है। यह मुद्दा संसद में भी उठाया जा चुका है।


क्या 8वें वेतन आयोग जल्दी लागू होगा?

  • 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होनी हैं।
  • पहले आयोग की रिपोर्ट लागू होने में 18-24 महीने लगते थे
  • अब डिजिटल प्रणाली से डेटा जल्दी इकट्ठा किया जा सकता है, जिससे आयोग की सिफारिशें जल्दी लागू होने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

CRPF ने 8वें वेतन आयोग के लिए 12 अहम सुझाव दिए हैं, जिनमें OPS बहाली, पैरामिलिट्री भत्ता, टैक्स-फ्री भत्ते और पे स्केल सुधार जैसी मांगें प्रमुख हैं। OPS बहाली का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन कर्मचारियों की लगातार मांगें सरकार पर दबाव बना रही हैं। अगर सरकार इन सुझावों को मानती है, तो अर्धसैनिक बलों के जवानों और अधिकारियों को वेतन और सुविधाओं में बड़ा लाभ मिल सकता है।

5 thoughts on “8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के लिए CRPF ने दिए 12 महत्वपूर्ण सुझाव”

  1. सबसे पहले सीएपीएफ में एक राष्ट्र एक पैशन होना लागू होने चाहिए। जिसको पैशन में भी दे होना चाहिए।जैसा आर्मी में हैं। उसके बाद हर पांच साल में इसे अपग्रेड होना चाहिए। पुराने और नए पैशन में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उसके बाद अगर पैशनर की डेथ किसी भी कारण हुई है या उनसे पहले नोमानी की डेथ हो जाती है तो जब तक बच्चों की आमदनी का कोई जरिया नहीं है बच्चे को पैशन मिलनीं चाहिए इसमें ऐसा भेदभाव भी नहीं होना चाहिए कि बच्चे अगर विकलांग है तब ही पैशन के हकदार होंगे।यह पैशन अगर एक से अधिक बच्चे हैं तो 50%या बराबर अनुपात में होना चाहिए। और यह पैशन भी लाइफ़ टाइम की गारंटी के साथ होनी चाहिए।

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