आठवे वेतन आयोग का मुद्दा काफी गंभीर होता जा रहा है। एक तरफ केंद्र सरकार अड़ियल रवैया अपनाते हुए आठवे वेतन आयोग के कमेटी का गठन नहीं कर रही है वहीं पर दूसरी तरफ कर्मचारी लामबंद हो चुके हैं और नए साल पर देशव्यापी हड़ताल करने की धमकी दे चुके हैं। ऐसे में कर्मचारियों की नाराजगी क्या केंद्र सरकार पर भारी पड़नेवाली है। इन सभी मुद्दों को लेकर आज लोकसभा में यह मामला काफी गर्मा गया।
आठवे वेतन आयोग (सीपीसी) के गठन को लेकर
लोकसभा में आज श्री जय प्रकाश, श्री आनंद भदौरिया और श्री वी. वैथिलिंगम ने सरकार को घेरा और प्रश्न पूछा कि
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवें केन्द्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) का गठन फरवरी, 2013 में किया गया था?
(ख) यदि हां, तो सातवें सीपीसी के गठन के 10 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक आठवे सीपीसी को लेकर कमिटी क्यों नही गठित किया गया। इस महँगाई के दौर में कर्मचारियो के वेतन और पेंशन में संशोधन होना जरूरी है। केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की दुर्दशा को नजरअंदाज करने का क्या कारण हैं?
(ग) उसके बाद उन्होंने पूछा कि क्या सरकार आठवे सीपीसी का गठन नहीं करने के कारण केंद्र सरकार के कर्मचारियों में व्याप्त आक्रोश से अवगत है यदि हां, तो इस पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है।
(घ) आगे उन्होंने पूछा कि क्या सरकार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों, सशस्त्र बलों आदि के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन पर विचार कर रही है. और
(ड) यदि हां, तो इसकी घोषणा कब तक की जाएगी?
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने दिया इसका उत्तर
इन इन सभी बातों को लेकर लोकसभा में वित्त मंत्रालय में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसका उत्तर दिया।
(क) उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग के कमेटी का गठन फरवरी 2013 में नहीं किया गया था। 7वां वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी, 2014 को किया गया था।
(ख) से (घ): उसके बाद अगले प्रश्न के जवाब में उन्होंने सीधे तौर पर कह दिया कि वर्तमान में सरकार का आठवे वेतन आयोग के गठन का कोई भी इरादा नहीं है, उन्होंने कहा कि वर्तमान में, सरकार के पास केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवे केन्द्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
निष्कर्ष
सांसद द्वारा पूछा गया था कि आठवे वेतन आयोग का गठन कब किया जाएगा तो यहां पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसको गठित करने से इनकार कर दिया। ऐसे में सरकार को कर्मचारियों की कोई भी चिंता नहीं है। कर्मचारियों के गुस्से का कोई भी डर नहीं है। फिलहाल अभी भी समय है अगर सरकार सही समय पर चेत जाती है और कर्मचारियो के हित में आठवे सीपीसी का गठन कर देती है तो ठीक है नहीं तो यह मामला काफी लटकते हुए दिखाई दे रहा है। भविष्य में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का आक्रोश, सरकार की छवि को धूमिल कर सकती है।