बिग ब्रेकिंग, सरकारी कर्मचारियों के लिए नए दिशा-दिशानिर्देश जारी, हर कर्मचारी जान ले नही तो जाएगी नौकरी

उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमे सरकारी कर्मचारी की आचरण नियमावली, 1956 (संशोधित) के नियम-16 के अनुपालन से संबंधित है। इसमें कर्मचारियों के व्यवहार और विशेष रूप से निजी संगठनों या सहकारी समितियों के प्रबंधन में उनकी भागीदारी को लेकर विस्तृत निर्देश दिए गए हैं तो चलिए खबर को विस्तार में जान लेते है।

सरकारी कर्मचारी के आचरण पर सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आचरण नियमावली, 1956 (संशोधित) के नियम-16 के अनुपालन पर सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जारी किया गया, जिसमें सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की निजी संगठनों में भागीदारी पर सख्त निगरानी रखने की बात कही गई थी।

मुख्य बिंदु:

निजी संगठनों में भागीदारी पर प्रतिबंध:

    कोई भी सरकारी कर्मचारी, सरकार की पूर्व अनुमति के बिना, किसी भी बैंक या कंपनी के पंजीकरण, प्रबंधन या प्रोत्साहन में हिस्सा नहीं ले सकता। सहकारी समितियों, साहित्यिक, वैज्ञानिक, या चैरिटेबल सोसाइटी में भागीदारी की अनुमति है, लेकिन वित्तीय गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है।

    उच्च न्यायालय का आदेश:

      इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों को नियम-16 का पालन करने का सख्त निर्देश दिया जाए। यदि कोई कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो संबंधित अधिकारी उस पर उचित कार्रवाई करें।

      कर्मचारियों की जिम्मेदारी:

        सरकारी कर्मचारी किसी भी सहकारी संस्था के प्रतिनिधि के रूप में केवल मतदान के लिए चुनाव में भाग ले सकते हैं, लेकिन वे उस संस्था में किसी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते।

        मुख्य सचिव का दायित्व:

          मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी विभाग नियम-16 के पालन की समीक्षा करें और उल्लंघन की स्थिति में समयबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

          सरकार की सख्ती:

          शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि नियमों के उल्लंघन के मामलों में संबंधित कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को आदेश दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को इन नियमों के पालन के लिए सूचित करें।

          निष्कर्ष:

          उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम सरकारी कर्मचारियों के आचरण में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह आदेश न केवल सरकारी कार्यों की शुचिता को बनाए रखेगा, बल्कि निजी संगठनों में सरकारी कर्मचारियों की अनुचित भागीदारी को भी रोकेगा।

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