पेंशनभोगियों की पेंशन में संशोधन (Pension Revision) को लेकर बड़ी खबर आ रही है। इसके साथ ही साथ पेंशनभोगियो की पेंशन को लेकर कोर्ट ने बहुत ही बड़ा फैसला दिया है, जिसके बारे में हम लोग जानेंगे इसके साथ ही साथ प्रधानमंत्री ने OROP पर बड़ा ऐलान कर दिया है तो चलिए सभी खबरों को विस्तार में जान लेते हैं।
OROP की दसवीं वर्षगाँठ पर पीएम का बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने OROP पेंशन योजना की दसवीं वर्षगांठ पर पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के वीर पूर्व सैनिको की बलिदान की वजह से यह योजना लागू हो पाई है। इस लंबी मांग को पूरा करने और हमारे पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए यह योजना बहुत जरूरी थी। भारत सरकार की इस पहल से देश के लाखों पेंशनभोगियों और उनके परिवारजनों को इसका लाभ हुआ है।
PM मोदी ने कहा किे OROP हमारे सशस्त्र बलों के कल्याण के लिए जरूरी था जिसे हमने अपने दृढ़ संकल्प से पूरा किया है। हालांकि पूर्व सैनिकों का मानना है कि OROP में बहुत सारी विसंगतियां हैं जिसको तत्काल प्रभाव से दूर किया जाना चाहिए।
पेंशन पर कोर्ट का बड़ा फैसला
हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक फैसला दिया था जिसमें कहा था कि लाइफ सर्टिफिकेट जमा न करने की वजह से पेंशनभोगियों की पेंशन नहीं रुकनी चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि पेंशनभोगियों को हर महीना पेंशन प्राप्त करने के लिए लाइफ सर्टिफिकेट साल में एक बार जमा करना होता है लेकिन कुछ पेंशनभोगी किसी कारणवश इसको जमा नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में उनकी पेंशन बंद हो जाती है।
उसी को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी जिस पर कोर्ट ने कहा कि लाइफ सर्टिफिकेट जमा न करने की वजह से पेंशन नहीं रोकी जानी चाहिए। बैंक पेंशनभोगी के घर पर जाएंगे और पता लगाएंगे कि किस कारण से पेंशनभोगी ने लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं किया है अगर कारण में वास्तविकता है तो पेंशन बंद नहीं करनी है।
2006 के पहले आये पेंशनभोगियों की पेंशन में संशोधन
2006 के पहले के पेंशनभोगियों की पेंशन में संशोधन को लेकर एक बार फिर से भारत पेंशनभोगी समाज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि केरल हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के के फैसले के बाद भी भारत सरकार 2006 से पहले आए पेंशनभोगियों के साथ भेदभाव कर रही है। भारत पेंशनभोगी समाज ने केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि इस मामले को संज्ञान में लिया जाए और जल्द से जल्द 2006 के पहले रिटायर्ड पेंशनभोगियो के साथ न्याय किया जाए।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 2006 के पहले रिटायर्ड पेंशनभोगियों की पेंशन को लेकर अलग नियम बनाये गये थे लेकिन 2006 के बाद जितने रिटायर्ड हुए ऐसे पेंशनभोगियो की पेंशन में संशोधन को लेकर अलग नियम था। ऐसे में 2006 के पहले आये पेंशनभोगियों को काफी घाटा हुआ। उसी को लेकर केरल हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी और दोनों ही कोर्ट से पेंशनभोगियों को राहत मिली लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इसको लागू नहीं किया है।
केंद्र सरकार ने बैंकों को दिए निर्देश
केंद्र सरकार ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि अगर PPO की Online कॉपी बैंक को मिल जाती है तो पेंशन जारी करने के लिए मैनुएल कॉपी का इंतजार नहीं करना है। अक्सर बैंक पेंशन जारी करने में आनाकानी करते हैं और PPO की मैनुअल कॉपी का इंतजार करते हैं, जब तक उनके पास मैन्युअल कॉपी नहीं आ जाती है तब तक वे पेंशनभोगी की पेंशन जारी नहीं करते हैं।
उसी को लेकर केंद्र सरकार ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे PPO की मैन्युअल कॉपी का इंतजार ना करे। अगर बैंक के पास PPO की सॉफ्ट कॉपी यानी कि ऑनलाइन कॉपी आ जाती है तो उसी के बेस पर पेंशनभोगी को पहली पेंशन का भुगतान कर देना है।
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