खुशखबरी, 2006 के पहले के पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि: पेंशन का भेदभाव समाप्त

2006 के पहले रिटायर हुए पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब उनकी पेंशन में भेदभाव समाप्त करते हुए सरकार ने उनकी पेंशन में वृद्धि का आदेश जारी किया है। पहले इन पेंशनभोगियों को पूरी पेंशन प्राप्त करने के लिए 33 साल की सेवा करना अनिवार्य था, लेकिन अब इस नियम को हटाते हुए उनके पेंशन में संशोधन किया जा रहा है।

33 साल की सेवा का नियम समाप्त

2006 से पहले, यदि कोई कर्मचारी 33 साल की सेवा पूरी नहीं करता था, तो उसे उसकी सेवा अवधि के अनुपात में पेंशन दी जाती थी। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी ने 20 साल की सेवा की है, तो उसे 20 साल की सेवा के अनुपात में पेंशन मिलती थी। वहीं, 2006 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों को बिना सेवा अवधि की शर्त के उनकी अंतिम बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलना शुरू हो गया था। अब, सुप्रीम कोर्ट ने इस नियम में समानता लाने का आदेश दिया है।

पेंशन में भेदभाव समाप्त: सुप्रीम कोर्ट का आदेश

इस भेदभाव को लेकर कुछ पेंशनभोगियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला दिया कि 2006 के पहले और बाद के सभी पेंशनभोगियों की पेंशन समान होनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी पेंशनभोगी की पेंशन उसकी अंतिम बेसिक सैलरी के 50% से कम नहीं होनी चाहिए, चाहे उसने कितने भी साल की सेवा की हो। जिन पेंशनभोगियों को 50% से कम पेंशन दी गई थी, उन्हें एरियर के साथ भुगतान करने का आदेश भी दिया गया है।

केंद्र सरकार का सर्कुलर और भारत पेंशनभोगी समाज की मांग

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, केंद्र सरकार को एक सर्वसामान्य सर्कुलर जारी करना पड़ा, जिसमें 2006 के पहले रिटायर हुए पेंशनभोगियों के लिए भी बढ़ी हुई पेंशन देने का आदेश दिया गया। हालांकि, अब भी कई पेंशनभोगियों को इस लाभ का पूरा फायदा नहीं मिल पाया है। इसको लेकर भारत पेंशनभोगी समाज ने सरकार से मांग की है कि यह लाभ जल्द से जल्द सभी पात्र पेंशनभोगियों तक पहुंचाया जाए।

अगर आपको लाभ नहीं मिला, तो CPENGRAMS पोर्टल पर शिकायत करें

अगर किसी पेंशनभोगी को अब तक यह लाभ नहीं मिल पाया है, तो वे CPENGRAMS पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से आप अपनी समस्या को सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचा सकते हैं और त्वरित समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष:
यह कदम 2006 के पहले रिटायर हुए लाखों पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत है। अब उनके साथ होने वाला पेंशन भेदभाव समाप्त हो जाएगा और उन्हें भी उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त होगा।

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