12वीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत: 13 फरवरी 2025 को डॉ. जितेंद्र सिंह करेंगे अध्यक्षता
नई दिल्ली, 12 फरवरी 2025 – पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) द्वारा 12वीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत का आयोजन 13 फरवरी 2025 को किया जाएगा। इस अदालत की अध्यक्षता कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह करेंगे।
पेंशन अदालत का उद्देश्य
यह अदालत 16 मंत्रालयों/विभागों में 120 दिनों से अधिक समय से लंबित पेंशन मामलों के समाधान पर केंद्रित होगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पेंशनभोगियों की शिकायतों का शीघ्र निवारण करना है, जिससे उन्हें न्यायालयों का रुख करने की आवश्यकता न पड़े।
महत्वपूर्ण प्रतिभागी
इस पेंशन अदालत में कई उच्च अधिकारी शामिल होंगे:
✔ श्री वी. श्रीनिवास – सचिव, कार्मिक एवं पेंशन कल्याण विभाग
✔ श्रीमती शंकरी मुरली – अपर लेखा महानियंत्रक
✔ श्री ए.एन. दास – अपर महानियंत्रक, रक्षा लेखा
✔ सुश्री दीपिका जैन – मुख्य आयुक्त (पेंशन)
✔ श्री रोखुम लाल रेमरूता – मुख्य लेखा परीक्षक (गृह मंत्रालय)
✔ श्री ध्रुबज्योति सेनगुप्ता – संयुक्त सचिव (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग)
किन मंत्रालयों के मामले उठाए जाएंगे?
इस पेंशन अदालत में 16 मंत्रालयों के लंबित 180 मामलों पर चर्चा होगी, जिनमें शामिल हैं:
➡ गृह मंत्रालय
➡ रक्षा मंत्रालय
➡ केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय
➡ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
➡ आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय
➡ रेल मंत्रालय
पेंशन अदालतों की सफलता
✔ पेंशन अदालतों की शुरुआत सितंबर 2017 में हुई।
✔ अब तक 11 पेंशन अदालतों का सफल आयोजन हो चुका है।
✔ देशभर में आयोजित पेंशन अदालतों में 18,005 मामलों का निपटारा किया गया।
✔ इनकी सफलता दर 71% से अधिक रही है।
पेंशन अदालत क्यों महत्वपूर्ण है?
✅ तेजी से समाधान – लंबित पेंशन मामलों का त्वरित निपटारा।
✅ सीधे संवाद का मंच – मंत्रालयों, बैंकों और पेंशनभोगियों को एक साथ लाना।
✅ मुकदमेबाजी से बचाव – अदालतों में जाने की आवश्यकता कम होती है।
✅ पेंशनभोगियों का सशक्तिकरण – उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना।
निष्कर्ष
12वीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक और मजबूत कदम है। सरकार की यह पहल वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनधारकों के कल्याण और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।