देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनः लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसी सिलसिले में माननीय प्रधानमंत्री को एक आधिकारिक पत्र लिखा गया, जिसमें सरकार से आग्रह किया गया है कि सभी कर्मचारियों को OPS या NPS में से किसी एक को चुनने की स्वतंत्रता दी जाए।
डिसएबिलिटी और डेथ केस में OPS का विकल्प, तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए क्यों नहीं?
वर्तमान में, डेथ (मृत्यु) और डिसएबिलिटी (विकलांगता) के मामलों में कर्मचारियों को NPS या OPS में से कोई भी विकल्प चुनने की अनुमति दी गई है। कर्मचारी संगठन यही मांग कर रहे हैं कि सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) या अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामलों में भी कर्मचारियों को यह विकल्प मिलना चाहिए।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें:
✅ NPS और OPS दोनों में से किसी एक को चुनने का अधिकार मिले
✅ अगर कर्मचारी OPS को चुनेंगे तो सरकार का हिस्सा सरकार को वापस चला जाएगा और कर्मचारी अंशदान, ब्याज सहित कर्मचारी को। इससे सरकार को भी फायदा होगा और कर्मचारी को भी।
✅ जिस राज्य में जितने साल की नौकरी पर जितनी पेंशन होगी, उस कर्मचारी को उसी हिसाब से पेंशन मिल जाएगी
✅ सरकार को हर साल लाखों करोड़ रुपये की बचत होगी
सरकार और कर्मचारियों दोनों को होगा फायदा
यदि कर्मचारियों को OPS और NPS में से किसी को चुनने की छूट दी जाए, तो इससे न केवल कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि सरकार को भी वित्तीय लाभ होगा।
- सरकार का अंशदान वापस सरकार को चला जाएगा
- कर्मचारी का अंशदान ब्याज सहित वापस मिलेगा
- राज्यों के अनुसार पेंशन तय होगी, जिससे वित्तीय संतुलन बना रहेगा
- हर साल सरकारी कोष में लाखों करोड़ रुपए वापस आ सकेंगे
OPS की बहाली को लेकर राज्यों का समर्थन
देश के कई राज्यों ने OPS को फिर से लागू करने की दिशा में कदम उठाए हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने OPS बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार से भी यही अपेक्षा की जा रही है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को यह विकल्प प्रदान किया जाए।
OPS बहाल करने वाले प्रमुख राज्य:
- ✅ राजस्थान
- ✅ छत्तीसगढ़
- ✅ हिमाचल प्रदेश
निष्कर्ष
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत OPS का विकल्प दिए जाने की मांग लगातार बढ़ रही है। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि जब डेथ और डिसएबिलिटी के मामलों में OPS का विकल्प दिया जा सकता है, तो सेवानिवृत्ति के मामलों में भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। इससे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और सरकार को भी कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
सरकार को चाहिए कि सभी सरकारी कर्मचारियों को NPS और OPS में से किसी को भी चुनने की छूट दी जाए, ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद एक स्थायी और सुरक्षित आय स्रोत मिल सके।
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पुरानी पेंशन ही देना चाहिए…
OPS