नई पेंशन योजना (NPS) को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों के लिए संघर्षरत डॉ. मंजीत पटेल ने इस संबंध में कार्मिक मंत्रालय के साथ हुई बैठक की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि बैठक में OPS बहाली के संभावित तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई, और मंत्री तथा सचिव स्तर के अधिकारियों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही। आइए जानते हैं कि इस बैठक में क्या चर्चा हुई और कर्मचारियों के लिए क्या नया संदेश निकलकर आया।
बैठक में रखे गए मुख्य बिंदु
बैठक में NPS को OPS में बदलने के लिए एक वैकल्पिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातें रखी गईं:
- NPS कर्मचारी के लिए GPF जैसी सुविधा
- जिस दिन कोई NPS कर्मचारी सेवानिवृत्त होगा (चाहे वह नियमित सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, अनिवार्य सेवानिवृत्ति या इस्तीफा देकर जाए), उसे उसका पूरा अंशदान ब्याज सहित GPF की तरह वापस मिल जाना चाहिए।
- OPS के नियमों के अनुसार पेंशन
- सेवानिवृत्ति के समय, कर्मचारी को उस राज्य के OPS नियमों के तहत पेंशन दी जानी चाहिए, जिसमें उसने कार्यकाल पूरा किया है।
- यदि किसी राज्य में 50% पेंशन का प्रावधान है, तो उस कर्मचारी को भी उसी के अनुसार पेंशन मिलनी चाहिए।
- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के बाद तत्काल पेंशन
- अगर कोई कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेता है, तो उसे उसी समय से पेंशन मिलने का अधिकार होना चाहिए, ताकि उसे आर्थिक असुरक्षा का सामना न करना पड़े।
NPS को पूरी तरह खत्म करना कितना संभव?
डॉ. पटेल ने स्पष्ट किया कि अगर NPS को पूरी तरह समाप्त करना संभव होता, तो विपक्ष इसे अपने 2024 लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में जरूर शामिल करता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे यह स्पष्ट होता है कि NPS को समाप्त करना आसान नहीं है।
- क्षेत्रीय पार्टियां इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए वादे करती रहेंगी, लेकिन असल में इसका समाधान सुधारों के जरिए ही संभव है।
- OPS बहाली सिर्फ NPS को खत्म करके ही संभव नहीं है, बल्कि बदलाव और सुधारों के माध्यम से इसे लागू किया जा सकता है।
NPS हटाने की बजाय इसमें सुधार ही सही रास्ता?
NPS को पूरी तरह खत्म करने के प्रयास में नई समस्या UPS (Updated Pension Scheme) खड़ी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि OPS को व्यवहारिक तरीके से लागू करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएं।
डॉ. पटेल का कहना है कि अगर लोग सिर्फ NPS खत्म करने पर अड़े रहेंगे, तो यह लड़ाई सेवानिवृत्ति के बाद भी जारी रहेगी। इसलिए जरूरी है कि कर्मचारियों की भलाई को ध्यान में रखते हुए एक ठोस और व्यवहारिक समाधान पर काम किया जाए।
निष्कर्ष
डॉ. मंजीत पटेल के विचारों से यह साफ है कि OPS की बहाली कोई आसान प्रक्रिया नहीं है, लेकिन सरकार के साथ मिलकर इसका एक व्यवहारिक हल निकाला जा सकता है। NPS कर्मचारियों को GPF की तरह अंशदान वापसी, OPS के अनुसार पेंशन, और VRS के तुरंत बाद पेंशन जैसी सुविधाएं देने का प्रस्ताव एक व्यवहारिक समाधान हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस प्रस्ताव पर क्या कदम उठाती है और कर्मचारियों को इसका क्या लाभ मिल सकता है।