वन रैंक वन पेंशन (OROP) और SPARSH: पूर्व सैनिकों के जीवन में नई आशा

डिफेंस बलों के पूर्व सैनिक और उनके परिवार हमारे देश की रीढ़ हैं। उनकी सेवाओं और बलिदानों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) और SPARSH जैसी योजनाओं की शुरुआत की है। ये दोनों योजनाएं न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और तकनीकी सुधार का भी प्रतीक हैं।

वन रैंक वन पेंशन (OROP): समानता का प्रतीक

OROP का उद्देश्य क्या है?

OROP की अवधारणा यह सुनिश्चित करती है कि समान रैंक और समान सेवा अवधि वाले सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों को एक समान पेंशन मिले, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कोई भी हो। इस योजना के तहत, पेंशनभोगियों के बीच का अंतर समय-समय पर समाप्त किया जाता है ताकि किसी भी पूर्व सैनिक को वित्तीय असमानता का सामना न करना पड़े।

OROP की कानूनी स्थिति

OROP को कानूनी वैधता 16 मार्च 2022 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से मिली। अदालत ने इस योजना की प्रक्रिया और सिद्धांत को सही ठहराया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह योजना पूर्व सैनिकों के लिए एक स्थायी राहत है।

2024 में OROP का तीसरा संशोधन

जुलाई 2024 से लागू संशोधित पेंशन दरों में कुल 121 टेबल जारी किए गए हैं। यदि किसी पेंशनभोगी की नई पेंशन दर उनके वर्तमान पेंशन से कम होती है, तो उनकी पेंशन को कम नहीं किया जाएगा। अगले संशोधन जुलाई 2029, 2034 और हर पांच साल में होंगे।

अन्य लाभ

OROP के साथ-साथ पेंशनभोगियों को समय-समय पर वेतन आयोग के तहत मिलने वाले लाभ भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा और सशक्तिकरण में वृद्धि होगी।

SPARSH: डिजिटल सशक्तिकरण का कदम

SPARSH का परिचय

SPARSH (System for Pension Administration (Raksha)) एक डिजिटल पहल है, जिसे अगस्त 2021 में रक्षा लेखा महानियंत्रक (CGDA) द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य पेंशन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाना और इसे पारदर्शी तथा सरल बनाना है।

शुरुआत में आने वाली चुनौतियां

प्रारंभिक चरण में, SPARSH को कुछ तकनीकी और प्रक्रिया संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन, सरकार और सेवा मुख्यालय ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

सेवा मुख्यालय की प्रमुख पहलें

तकनीकी सहयोग:

PCDA (P) कार्यालय में TCS की एक विशेषज्ञ टीम तैनात की गई।

समन्वय बैठकें:

रक्षा मंत्रालय, CGDA और TCS के बीच नियमित बैठकें की गईं।

कार्य विभाजन:

मेरठ स्थित कार्यालय बैंक और आयकर से संबंधित मुद्दों को संभालता है। चेन्नई कार्यालय आधार अपडेट और पारिवारिक पेंशन संबंधी मामलों को देखता है।

संयुक्त नियंत्रण समूह:

दिल्ली छावनी में एक नियंत्रण समूह बनाया गया, जिसमें सशस्त्र बलों, CGDA और TCS के अधिकारी शामिल हैं।

सुधार और प्रगति

इन सभी प्रयासों से SPARSH में स्थिरता आई है और अधिकांश समस्याओं का समाधान कर दिया गया है। इसके अलावा, जो चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, उन्हें भी लगातार हल किया जा रहा है।

निष्कर्ष

वन रैंक वन पेंशन (OROP) और SPARSH जैसी योजनाएं न केवल पूर्व सैनिकों के लिए राहत प्रदान करती हैं, बल्कि यह सरकार की उनके प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती हैं। OROP पेंशन समानता को सुनिश्चित करता है, जबकि SPARSH पेंशन प्रक्रिया को डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से अधिक सरल और पारदर्शी बनाता है।

इन योजनाओं का क्रियान्वयन यह सुनिश्चित करता है कि हमारे पूर्व सैनिक और उनके परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित रहें और उन्हें किसी प्रकार की प्रशासनिक बाधाओं का सामना न करना पड़े। यह सरकार और सशस्त्र बलों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य में भी हमारे रक्षक योद्धाओं का सम्मान सुनिश्चित करेगा।

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