केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़े कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 को लागू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार लिया गया है, जिससे NPS के तहत कार्यरत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद ग्रेच्युटी वित्तीय सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
शिक्षा मंत्रालय का निर्देश
शिक्षा मंत्रालय ने अपने पत्र संख्या 3-4/2019-UT-2 दिनांक 12.01.2023 के माध्यम से KVS को यह निर्देश जारी किया है जिसमे कहा है कि KVS के NPS से जुड़े कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 को लागू करने की मंजूरी दी जाती है। KVS से अनुरोध है कि इसे संचालन मंडल (BoG) की स्वीकृति से लागू किया जाए और मंत्रालय को सूचित किया जाए।
KVS की बैठकें और स्वीकृति
91वीं वित्त समिति की बैठक में ग्रेच्युटी अधिनियम को NPS से जुड़े कर्मचारियों के लिए लागू करने की सिफारिश की गई। इसे 126वीं संचालन मंडल (BoG) की बैठक में अनुमोदित किया गया।
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 का महत्व
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत कर्मचारियों को सेवा समाप्ति या सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्य विशेषताएं:
1. पात्रता:
– 5 वर्ष की न्यूनतम सेवा।
– मृत्यु या अक्षमता की स्थिति में सेवा अवधि की आवश्यकता नहीं।
2. लाभ:
– कर्मचारी के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा।
– परिवार को संकट की स्थिति में आर्थिक सहायता।
3. अधिकतम सीमा:
– मौजूदा नियमों के अनुसार अधिकतम ग्रेच्युटी सीमा ₹25 लाख है।
NPS कर्मचारियों पर प्रभाव
इस निर्णय से NPS से जुड़े KVS कर्मचारियों को भी अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। यह कदम उनकी आर्थिक स्थिरता और भविष्य की योजनाओं को मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 का KVS में कार्यान्वयन एक स्वागत योग्य कदम है। यह NPS कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ संगठन की ओर से उनके प्रति संवेदनशीलता और समर्थन को भी दर्शाता है।