संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने 2023 में एक सिफारिश दी थी कि केंद्रीय पेंशनर्स की पेंशन में उम्र के हिसाब से बढ़ोतरी की जाए। इस सिफारिश के अनुसार 65 साल की उम्र पर 5%, 70 साल की उम्र पर 10%, 75 साल की उम्र पर 15%, और 80 साल की उम्र पर 20% की पेंशन बढ़ाने का सुझाव दिया गया था। लेकिन यह सिफारिश अब तक लागू नहीं हो पाई है।
पेंशन बढ़ाने का मकसद
JPC ने इस सिफारिश में कहा था कि पेंशन बढ़ाने का उद्देश्य यह है कि बुजुर्ग पेंशनर्स को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके। खासकर उनके जीवन के उस पड़ाव पर जब उन्हें ज्यादा मदद की जरूरत होती है।
अभी के नियम के हिसाब से 80 साल के बाद 20% पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है जो कि न्यायपूर्वक नही है। 65 साल से 75 साल में पैसे की जरूरत होती है ऐसे में 80 साल के बाद पेंशन में बढ़ोतरी का कोई लॉजिक नही है।
70 से 80 साल की उम्र में ज्यादा मृत्यु दर
70 से 80 साल की उम्र के बीच कई पेंशनर्स दुनिया छोड़ देते हैं। इस उम्र में पेंशन बढ़ाने से उन्हें थोड़ा राहत मिल सकती है। 80 साल के बाद पेंशन बढ़ाने का कोई मतलब नही है, पेंशनभोगियों को योजना का असली फायदा देना है तो 65 साल से ही पेंशन में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
हर साल 1% पेंशन बढ़ाने पर भी विचार
इसके अलावा JPC ने पेंशन में हर साल 1% बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी रखा था। ऐसे में हर साल 1% पेंशन वृद्धि की जाती है तो 80 साल की उम्र का इंतजार किए बिना पेंशनर्स को राहत मिल जाएगी। इस सुझाव को लोगों ने सराहा, लेकिन इस पर भी अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
लोकसभा सांसद का सरकार से अनुरोध
लोकसभा सांसद बेन्नी बेहनन ने सरकार और वित्त मंत्री से अपील की है कि JPC की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया जाए। पेंशन में बढ़ोतरी से लाखों बुजुर्गों को फायदा होगा और उनका जीवन थोड़ा आसान हो सकेगा इसलिए तत्काल प्रभाव से इसको लागू किया जाय। अगर आप सांसद बेन्नी बेहनन की बातों का समर्थन करते है तो कमेंट में इनके लिए thank you जरूर लिखिए।
निष्कर्ष
पेंशनर्स के हित में JPC की सिफारिशें बहुत जरूरी हैं। सरकार को बिना देर किए इन सिफारिशों को लागू करना चाहिए। इससे बुजुर्ग पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी और सरकार की बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी भी नजर आएगी। लोकसभा सांसद के पत्र के बाद इस योजना का तत्काल प्रभाव से लागू किया जा सकता है।