कर्मचारियो ने खोजा OPS लेने का तरीका, OPS लेना है तो करना होगा ये काम

OPS लागू ना होने से कर्मचारियो में काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है। इतने आंदोलन, धरना-प्रदर्शन किया गया पर OPS की जगह UPS का झुनझुना पकड़ा दिया गया। ऐसे में लाखों रेलवे कर्मचारी आक्रोशित है और यूनियन में बैठे पदाधिकारियों को दोष दे रहे है। OPS लागू ना होने से कर्मचारियो में नाराजगी साफ दिखाई दे रही है।

क्या है पूरा मामला

आपको बता दे कि रेलवे में बहुत सारी यूनियन है जिसमे मुख्य बड़े पदों पर बैठे रिटायर्ड कर्मचारी है जो कि किसी भी हालत में OPS लागू होने नही देगे। खुद तो OPS की मलाई खा रहे है वही पे कर्मचारियो पे UPS थोप रहे है। ऐसा आरोप विरोधी यूनियन IREF की तरफ से लगाये जा रहे है।

IREF संघटन का मानना है कि IREF ही रेलवे में कार्यरत कर्मचारीयों का एक मात्र संगठन है जिसका मुख्य उदेश्य रेलवे फेडरेशन / युनियन से रिटायर्ड पदाधिकारियो को हटाना है। उन्होंने कहा कि AIRF/NFIR में केन्द्र से लेकर जोन तक रिटायर्ड पदाधिकारियों की भरमार है एवं रिटायर्ड युनियन को अपने घर की सम्पति समझ रहे है और सालाना करोडो रूपये चंदे के कारण पद छोडने को तैयार नहीं है।

AIRF के महामंत्री श्री शिव गोपाल मिश्रा लगभग 16 साल से रिटायर्ड होकर भी पद पर बने है एवं NFIR के महामंत्री श्री एम राघवैया 1995 से लगातार 30 सालो से रिटायर्ड होकर भी पद पर बने है।

वर्किंग कर्मचारियो को दिया जाय नेतृत्व

उन्होंने कहा कि क्या वर्किंग कर्मचारियो में नेतृत्वकर्ता की कमी है जो रिटायर्ड को पदाधिकारी बना रखा है। NFIR के कोषाध्यक्ष एवं NCRES के महामंत्री श्री आर पी सिंह खुद रिटायर्ड है एवं अपने बेटे जोकि रेलवे का कर्मचारी भी नहीं है उसको युनियन का केन्द्रीय उपाध्यक्ष बना रखा है एवं कर्मचारीयों के चंदे से वेतन दे रहा है। उन्होंने सभी रेल कर्मचारियो से अपील की कि रेलवे में 11 साल बाद चुनाव हो रहे है इसलिए अपने विवेक का प्रयोग करते हुए अपने मत का सही उपयोग करे।

रिटायर्ड नेतृत्व के कारण कर्मचारियो का नुकसान

रिटायर्ड नेतृत्व के कारण ही जो फेडरेशन / युनियन पुरानी पेंशन बहाली का सिर्फ दिखावा करते थे वे UPS पर आकर अटक गये और चुनाव को देखते हुए UPS पर सहमति दी और UPS के लिए विजय जुलूस निकाला लेकिन कर्मचारीयों के विरोध को देखते हुए UPS में संशोधन की बात करने लगे।

OPS बहाल ना होने का कारण

उन्होंने कहा कि यदि UPS पर AIRF/NFIR/BRMS कि सहमति नहीं हुई होती तो पुरानी पेंशन लागू हो गई होती। NMOPS के आदोलन को केन्द्र एवं राज्य के सभी संगठन का समर्थन प्राप्त है केवल AIRF/NFIR/BMS/BRMS को छोड़कर। NMOPS के नेतृत्वकर्ता श्री विजय कुमार बंधुजी के एक अहवान पर 1 अक्टूबर 2023 को रामलीला के मेदान में 10 लाख से अधिक कर्मचारीयों ने हिस्सा लिया जो कि एक इतिहास बन गया। आज तक किसी भी राजनितिक पार्टी या किसी आदोलन में इतनी भीड़ नहीं हुई थी।

AIRF करती है दिखावा

उन्होने आगे कहा कि AIRF संघटन UPS को OPS से भी अच्छा बता रही है पर NPS कर्मचारी UPS लेने को तैयार नहीं है। फिर भी AIRF संघटन UPS का विजय जुलूस निकाल रही है एवं UPS पे हामी भरकर इसको ऐतिहासिक उपलब्धि बता रहे है और आगे पुरानी पेंशन के लिए कोई आदोलन नहीं करने की बात कर रहे है। जबकि NFIR भी UPS पर सहमति दे कर UPS तो अंगडाई है आगे पुरानी पेंशन की लड़ाई है कह रही है BRMS भी UPS का स्वागत कर रहा है।

OPS लेनेवाले नही जानेंगे कर्मचारियो का हाल

उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि जो OPS ले रहा है वह UPS को अच्छा बता रहा है इसलिए ऐसे संगठनो से सावधान रहना है जो OPS के नाम पर कर्मचारीयों को गुमराह कर रहा है यदि UPS इतनी ही अच्छी है तो तीनों युनियन के पुरानी पेंशन के पदाधिकारी खुद लेले और अपनी वाली OPS कर्मचारीयों को दे दें।

IREF ने किया दावा

IREF का दावा है जिस दिन युनियन से रिटायर्ड पदाधिकारी हट जायेगे उसी दिन पुरानी पेंशन बहाल हो जायेगी एवं कर्मचारीयों की 50% समस्या खत्म हो जायेगी। IREF हमेशा पुरानी पेंशन के साथ है एवं पुरानी पेशन की लडाई NMOPS/FANPSR के बैनर तले श्री विजय कुमार बंधुजी के नेतृत्व में लड़ रहा है और जब तक पुरानी पेंशन बहाल नही हो जाती तब तक लड़ाई लड़ता रहेगा।

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