वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट 2024 पेश करते हुए टैक्सपेयर और पेंशनर्स दोनों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। जहां एक तरफ टैक्स देने वाले नागरिकों को राहत दी गई है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी पेंशनभोगी के लिए भी एक बड़ी सौगात की घोषणा की गई है। यह घोषणा उन लोगों के लिए है, जिन्हें फैमिली पेंशन का लाभ मिलता है। कई पेंशनभोगियों को इस बारे में जानकारी नहीं होती, जिससे उन्हें नुकसान होता है। आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाई गई
सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों के लिए वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया है। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) का विकल्प चुनते हैं। इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को कर में राहत मिलेगी और उनकी कर देयता कम हो जाएगी।
सरकारी पेंशनर्स को बड़ी राहत: फैमिली पेंशन पर कर छूट बढ़ाई गई
सरकारी पेंशनर्स के लिए बजट 2024 में वित्त मंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके बारे में बहुत कम चर्चा हो रही है। फैमिली पेंशन पर कर छूट की सीमा को 15,000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब फैमिली पेंशन पाने वाले पेंशनर्स 25,000 रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देंगे। पहले यह छूट केवल 15,000 रुपये तक की आय पर मिलती थी, लेकिन अब इस नई घोषणा से उन्हें 10,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी।
फैमिली पेंशन क्या है?
फैमिली पेंशन वह पेंशन होती है, जो किसी सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को दी जाती है। यह पेंशन मृतक कर्मचारी की विधवा/विधुर या आश्रित बच्चों को आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाती है, ताकि उनके जीवनयापन में कोई दिक्कत न हो।
फैमिली पेंशन के पात्र कौन हैं?
सरकारी नियमों के अनुसार, फैमिली पेंशन के लिए निम्नलिखित लोग पात्र होते हैं:
- विधवा/विधुर: मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की पत्नी या पति, जब तक कि वे पुनर्विवाह नहीं कर लेते।
- आश्रित बच्चे: यदि मृतक कर्मचारी या पेंशनभोगी के बच्चे 25 वर्ष से कम आयु के हैं और वे आर्थिक रूप से आश्रित हैं, तो वे भी इस पेंशन के पात्र होते हैं।
- माता-पिता: यदि मृतक कर्मचारी के कोई आश्रित बच्चे या जीवनसाथी नहीं हैं, तो उनके माता-पिता भी इस पेंशन के हकदार हो सकते हैं।
- अविवाहित बेटी: अविवाहित बेटी भी फैमिली पेंशन की हकदार हो सकती है, यदि वह किसी प्रकार की आय अर्जित नहीं कर रही है।
फैमिली पेंशन की राशि कितनी होती है?
फैमिली पेंशन की राशि कर्मचारी के अंतिम बेसिक वेतन के 30% के बराबर होती है। यह पेंशन कम से कम 9000 रुपये प्रतिमाह होनी चाहिए। इसके साथ ही महँगाई भत्ते का भी भुगतान किया जाता है।
- सेवा के दौरान मृत्यु: अगर कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होती है, तो उसके परिवार को अगले 10 साल तक बढ़ी हुई पेंशन (अंतिम बेसिक वेतन का 50%) मिलती है। इसके बाद यह राशि 30% कर दी जाती है।
- रिटायरमेंट के बाद मृत्यु: यदि पेंशनभोगी की मृत्यु रिटायरमेंट के 7 साल के अंदर होती है, तो उनके परिवार को वही पेंशन राशि मिलेगी, जो पेंशनभोगी को मिलती थी। 7 साल बाद मृत्यु होने पर फैमिली पेंशन 30% के हिसाब से दी जाएगी।
कैसे मिलेगा फैमिली पेंशन पर कर छूट का लाभ?
फैमिली पेंशन पर मिलने वाली कर छूट का लाभ उठाने के लिए पेंशनभोगियों को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- आयकर रिटर्न दाखिल करें: पेंशनभोगियों को अपनी आयकर रिटर्न में फैमिली पेंशन का उल्लेख करते हुए छूट का दावा करना होगा।
- सभी दस्तावेज़ तैयार रखें: फैमिली पेंशन का प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें, ताकि टैक्स छूट का लाभ प्राप्त किया जा सके।
- टैक्स प्लानिंग करें: पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि वे इस छूट का सही लाभ उठाने के लिए अपनी कर योजना का पुनर्मूल्यांकन करें।
निष्कर्ष
वित्त मंत्री द्वारा की गई यह घोषणा फैमिली पेंशन पर निर्भर पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। इससे उन्हें कर देयता में कमी मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सभी पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि वे इस छूट का लाभ उठाने के लिए समय पर अपनी आयकर रिटर्न दाखिल करें और सही जानकारी के साथ कर योजना बनाएं, ताकि उन्हें कर में अधिकतम छूट मिल सके और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित रह सके।