जैसा की आपको पता होगा कि संसद का शीतकालीन अधिवेशन चल रहा है। इस अधिवेशन में पेंशनभोगियों के FMA बढ़ाने को लेकर श्री टी. बार. बालू ने केंद्र सरकार को घेरा, और भरी संसद में सरकार से सवाल किया, तो चलिए जान लेते है कि क्या सवाल पूछा गया था और उसका उत्तर क्या मिला।
पेंशनभोगियों के चिकित्सा भत्ता (FMA)
दिनांक 06 दिसंबर, 2024 को श्री टी. बार. बालू ने सरकार से सवाल किया कि क्या स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या सरकार का उन पेंशनभोगियों के मासिक चिकित्सा भत्ते (FMA) में वृद्धि करने का कोई प्रस्ताव है जो सीजीएचएस मुविधाओं का लाभ नहीं उठा रहे हैं;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(ग) यदि नहीं, तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वयं और आश्रित जीवनसाथी की चिकित्सा आवश्यकताओं को 1000 रुपये प्रति माह की मामूली राशि से पूरा करने के लिए सरकार द्वारा क्या तंत्र अपनाया गया है?
केन्द्रिय मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने दिया जवाब ने दिया जवाब
(क) से (ग): केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के अंतर्गत नहीं आने वाले क्षेत्रों (Non-CGHS) में रहने वाले केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को उनके दैनिक चिकित्सा व्यय को पूरा करने के लिए निश्चित चिकित्सा भत्ता (FMA) प्रदान किया जाता है। FMA में पिछली बार की गई 1000/- रुपये तक की वृद्धि केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार की गई थी। वर्तमान में निश्चित चिकित्सा भत्ते में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं है।
Non-CGHS एरिया में रहनेवाले पेंशनभोगियों के पास विकल्प
केंद्रिय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, Non-CGHS कवर क्षेत्रों में रहने वाले केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के पास निम्रलिखित विकल्प भी हैं:
1) वे सीजीएचएम के अंतर्गत ओपीडी सुविधाओं के बदले निश्चित चिकित्सा भत्ता (FMA) का लाभ उठा सकते हैं।
2) वे आवश्यक अभिदान देने के बाद निकटवर्ती सीजीएचएस कवर्ड शहर में स्वयं को पंजीकृत कराकर सीजीएचएस (ओपीडी एवं आईपीडी) का लाभ भी उठा सकते हैं।
3) सीजीएचएस दिशानिर्देशों के अनुसार आवश्यक अभिदान देने के बाद उनके पास ओपीडी उपचार के लिए एफएमए और आईपीडी उपचार के लिए सीजीएचएस का लाभ उठाने का विकल्प भी है।