बेंगलुरु स्थित ITI Retired Officers Association (ITIROA) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS)-1995 के तहत पेंशन की गणना में सुधार की मांग की है। संघ का कहना है कि पेंशन की गणना नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के आधार पर होनी चाहिए और इसके लिए 8% ब्याज दर लागू की जानी चाहिए।
EPS और NPS के बीच अंतर
EPS योजना में भी NPS की तरह अंशदान किया जाता है, लेकिन दोनों में पेंशन की गणना का तरीका अलग है। EPS-95 के तहत पेंशन की गणना एक निर्धारित पेंशन योग्य वेतन के आधार पर की जाती है, जबकि NPS में यह पेंशन फंड के आधार पर होती है। NPS के तहत पेंशन फंड में अर्जित राशि के अनुसार लाभ मिलता है, जबकि EPS में पेंशन की गणना एक निश्चित फॉर्मूले के तहत की जाती है, जिससे पेंशनरों को मिलने वाली राशि सीमित रहती है।
पेंशन राशि में असमानता
ITIROA के अनुसार, वर्तमान में EPS-95 योजना के तहत 35 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारी को औसतन 7,500 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है, जो सालाना 90,000 रुपये के बराबर होती है। यह उनके जमा पेंशन फंड पर केवल 3.06% की दर से रिटर्न दिखाता है। इसी प्रकार, 25 साल की सेवा के बाद यह राशि 15,357 रुपये (5.14%) और 30 साल की सेवा के बाद 16,428 रुपये (3.98%) प्रति माह होती है।
8% रिटर्न की मांग
संघ ने पेंशन फंड पर 8% ब्याज दर की मांग की है, जो मौजूदा पेंशन रिटर्न को सुधार सके। संघ के अनुसार, अगर 8% ब्याज दर के आधार पर पेंशन गणना की जाए, तो 25, 30 और 35 साल की सेवा के बाद क्रमशः 18,329 रुपये, 12,907 रुपये, और 19,633 रुपये मासिक पेंशन मिलनी चाहिए।
पेंशन वेल्थ की आंशिक निकासी की मांग
संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया को एक ज्ञापन भेजकर पेंशनरों के लिए आंशिक निकासी (Commutation) का विकल्प देने की भी मांग की है। संघ का कहना है कि किसी आपात स्थिति में पेंशनरों को पेंशन वेल्थ का कुछ हिस्सा निकालने की सुविधा मिलनी चाहिए।
EPS पेंशनरों का दावा है कि वर्तमान में मिलने वाली पेंशन बैंकों की ब्याज दरों से भी कम है, और इसे सुधारने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि पेंशनरों का जीवन आर्थिक रूप से सुरक्षित रहे।