EPS-95 पेंशनधारकों के साथ फिर अन्याय, बजट 2025 में नहीं मिला कोई राहत पैकेज, 78 लाख पेंशनर्स की अनदेखी कब तक?

केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट 2025 में EPS-95 (Employees’ Pension Scheme 1995) के पेंशनधारकों के लिए कोई राहत या विशेष पैकेज घोषित नहीं किया गया। 78 लाख से अधिक EPS-95 पेंशनर्स वर्षों से न्यूनतम पेंशन वृद्धि और जीवन यापन के लिए वित्तीय सहायता की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस बार भी सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया है।


EPS-95 पेंशनर्स की मुख्य मांगें

  1. न्यूनतम पेंशन ₹7,500 की जाए – वर्तमान में EPS-95 पेंशनर्स को मात्र ₹1,000 से ₹3,000 तक की पेंशन मिलती है, जो उनके जीवनयापन के लिए बेहद अपर्याप्त है।
  2. महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए – महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन EPS-95 पेंशन में कोई महंगाई राहत (DA) नहीं दी जाती, जिससे पेंशनर्स को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
  3. फ्री मेडिकल सुविधा दी जाए – अधिकांश पेंशनर्स वरिष्ठ नागरिक हैं और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्हें फ्री हेल्थकेयर की सुविधा नहीं मिल रही। EPS-95 पेंशनधारकों के लिए CGHS या ESIC के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाए।
  4. पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तरह सुरक्षा मिले – जैसे सरकारी कर्मचारियों को OPS के तहत निश्चित और सम्मानजनक पेंशन मिलती है, वैसे ही EPS-95 पेंशनर्स के लिए भी गारंटीड पेंशन स्कीम लागू की जाए।
  5. पेंशन पुनर्निरीक्षण (Revision) हो – पिछले 30 सालों से EPS-95 की पेंशन रिवाइज नहीं हुई है, जबकि सरकारी कर्मचारियों की पेंशन हर 10 साल में बढ़ाई जाती है।

सरकार का रुख: EPS-95 पेंशनर्स को क्यों नहीं मिल रही राहत?

EPS-95 पेंशनर्स पिछले कई वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन हर बजट में उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है।

पिछले सालों में सरकार ने क्या कहा?

  • सुप्रीम कोर्ट ने EPS-95 पेंशन बढ़ाने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने अभी तक इसे पूरी तरह लागू नहीं किया।
  • पेंशन रिवीजन पर कई हाई-लेवल मीटिंग्स हुईं, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
  • सरकार का तर्क है कि EPS-95 में सुधार से सरकारी खजाने पर भारी वित्तीय भार पड़ेगा, लेकिन पेंशनर्स का कहना है कि यह उनका हक है, जिसे उन्हें हर हाल में मिलना चाहिए।

क्या EPS-95 पेंशनर्स को अब आंदोलन तेज करना होगा?

EPS-95 पेंशनर्स ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपील की थी कि उनकी न्यूनतम पेंशन ₹7,500 की जाए, लेकिन बजट 2025 में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। अब EPS-95 पेंशनर्स को एक बार फिर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी करनी होगी।


निष्कर्ष: EPS-95 पेंशनर्स को न्याय कब मिलेगा?

78 लाख EPS-95 पेंशनर्स के लिए यह बजट फिर से एक निराशा लेकर आया है।
सरकार को चाहिए कि वह EPS-95 पेंशनर्स की मांगों को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द पेंशन राशि में बढ़ोतरी और अन्य राहत पैकेज की घोषणा करे।

अगर अब भी EPS-95 पेंशनर्स की अनदेखी होती रही, तो यह उनके साथ एक और बड़ा अन्याय होगा।

2 thoughts on “EPS-95 पेंशनधारकों के साथ फिर अन्याय, बजट 2025 में नहीं मिला कोई राहत पैकेज, 78 लाख पेंशनर्स की अनदेखी कब तक?”

  1. Sarkar apne karmchaariyon ko samay samay par rahat ka paikej deti rahti hai tab vitteeye boojh nahi badhta sirf majdooro ke hit me sochne par sarkar ko nanee yaad aati hai

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