EPS-95 Pension योजना के तहत निजी क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर आ सकती है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन की सीमा ₹25,000 तक बढ़ सकती है। इससे कर्मचारियों की पेंशन में एक साथ 333% की वृद्धि हो सकती है। मौजूदा समय में, EPS-95 के तहत पेंशन की गणना ₹15,000 की अधिकतम वेतन सीमा पर की जाती है, जिसे अब समाप्त करने की तैयारी की जा रही है।
मौजूदा नियम: पेंशन गणना की सीमा
वर्तमान में, EPS-95 के तहत पेंशन की गणना अधिकतम ₹15,000 की वेतन सीमा पर की जाती है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी ₹15,000 से अधिक है, तो भी उसकी पेंशन की गणना ₹15,000 के आधार पर की जाती है। यह सीमा हटने से, कर्मचारियों की पेंशन उनकी वास्तविक अंतिम सैलरी के आधार पर तय की जाएगी, जिससे उन्हें कई गुना अधिक पेंशन मिल सकेगी।
पेंशन गणना का उदाहरण
वर्तमान नियमों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी 1 जून 2015 से नौकरी कर रहा है और उसने 14 साल की सेवा पूरी की है, तो उसकी पेंशन की गणना ₹15,000 की सीमा पर ही होगी, चाहे उसका बेसिक वेतन ₹20,000 या ₹30,000 क्यों न हो। इस स्थिति में, उसे हर महीने लगभग ₹3,000 पेंशन मिलेगी। गणना का फॉर्मूला है:
(सेवा अवधि × ₹15,000) ÷ 70
लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो उसकी पेंशन ₹25,000 तक बढ़ सकती है।
नई पेंशन गणना की संभावना
अगर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पेंशन गणना की सीमा हटाई जाती है, तो कर्मचारी की पेंशन अंतिम वेतन के आधार पर होगी। मान लीजिए किसी कर्मचारी ने 33 साल की नौकरी की है और उसका अंतिम वेतन ₹50,000 है। नए फॉर्मूले के अनुसार, पेंशन की गणना इस प्रकार होगी:
(33 वर्ष + 2 वर्ष सेवा वेटेज) ÷ 70 × ₹50,000 = ₹25,000
इससे उस कर्मचारी की पेंशन ₹7,500 से बढ़कर ₹25,000 हो जाएगी, जो कि 333% की वृद्धि है।
EPS पेंशन में सेवा वेटेज का महत्व
EPS पेंशन योजना के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी 20 साल या उससे अधिक समय तक नौकरी करता है, तो उसकी सेवा अवधि में 2 साल का अतिरिक्त वेटेज जोड़ा जाता है। इसका मतलब है कि 33 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारी की पेंशन की गणना 35 साल की सेवा के आधार पर की जाएगी, जिससे पेंशन की राशि और भी अधिक बढ़ जाएगी।
EPS-95 पेंशन विवाद: क्या है पूरा मामला?
EPS-95 पेंशन योजना को लेकर 1 सितंबर 2014 को केंद्र सरकार द्वारा संशोधन किया गया था, जिसमें पेंशन की गणना की अधिकतम सीमा ₹6,500 से बढ़ाकर ₹15,000 कर दी गई थी। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने इसका विरोध किया और केरल हाईकोर्ट में मामला दायर किया। कोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए EPFO के नियमों को अनुचित बताया। इसके बाद EPFO ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
EPS-95 पेंशन सीमा में संभावित बढ़ोतरी
अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्द ही इस पर अंतिम फैसला आने की उम्मीद है, जिसमें पेंशन सीमा को हटाने का रास्ता साफ हो सकता है। इस फैसले से लाखों निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी पेंशन में कई गुना वृद्धि होगी।
निष्कर्ष
EPS-95 पेंशन योजना में संभावित बदलाव से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा का स्तर बढ़ जाएगा। अगर पेंशन की गणना अंतिम सैलरी के आधार पर की जाती है, तो यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले पर टिकी हैं, जो लाखों पेंशनधारकों के भविष्य को सुरक्षित कर सकता है।
Why co opp bank not giving pension