हायर पेंशन के मुद्दे पर EPFO का नया फरमान: FCI के पेंशनरों की अनदेखी जारी

पेंशनरों के लिए आवेदन की नई अंतिम तिथि
EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने एक बार फिर से सभी पेंशनरों के लिए जॉइंट ऑप्शन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दी है। यह निर्देश उन पेंशनरों के लिए है जिनके फॉर्म अब तक जमा नहीं हुए हैं। पेंशनरों को सलाह दी गई है कि वे अपने नियोक्ताओं से संपर्क कर जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करें।

FCI पेंशनरों का विशेष मामला

जहां अन्य संगठनों के पेंशनरों को यह अवसर राहत देने वाला माना जा रहा है, वहीं FCI (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) से जुड़े पेंशनरों के लिए स्थिति बिल्कुल अलग है। 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए FCI कर्मचारियों के लिए EPFO ने पूर्व में ही कई कारणों का हवाला देते हुए उनकी हायर पेंशन के आवेदन खारिज कर दिए थे।

FCI प्रबंधन और EPFO के बीच टकराव

EPFO द्वारा आवेदन निरस्त किए जाने के बाद FCI प्रबंधन ने अपने पूर्व कर्मचारियों के पक्ष में दलीलें पेश की थीं। लेकिन, EPFO की असहयोगात्मक रवैये के कारण कई पेंशनरों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। इसके बावजूद, FCI प्रबंधन ने पेंशनरों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

NAC का आंदोलन और सरकार की उदासीनता

NAC (नेशनल एगिटेशन कमेटी) ने सरकार से बार-बार आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हायर पेंशन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। NAC ने अपने आंदोलन के माध्यम से सरकार को EPFO की मनमानी और पेंशनरों के साथ हो रहे अन्याय की जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। लेकिन, EPFO अपने रुख पर अड़ी हुई है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी नजरअंदाज करने की हिमाकत कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी

सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2016 और 4 नवंबर 2022 को अपने दो महत्वपूर्ण फैसलों में EPFO को हायर पेंशन देने का आदेश दिया था। इसके बावजूद, EPFO ने अब तक इन आदेशों का पूरी तरह पालन नहीं किया है। स्थिति यह है कि सुप्रीम कोर्ट में EPFO के खिलाफ अवमानना के कई मामले लंबित हैं।

पेंशनरों की दयनीय स्थिति

EPFO की धीमी प्रक्रिया के कारण कई पेंशन दावेदारों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसा प्रतीत होता है कि EPFO जानबूझकर इस प्रक्रिया में देरी कर रहा है ताकि हायर पेंशन के सभी दावेदार समय के साथ खत्म हो जाएं। NAC के मुताबिक, EPFO का रवैया यही दर्शाता है कि वह पेंशनरों को हायर पेंशन का लाभ नहीं देना चाहता।

निष्कर्ष

यह स्पष्ट है कि EPFO की कार्यप्रणाली और प्रबंधन के रवैये से पेंशनरों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। FCI के पेंशनरों का मामला हो या अन्य संस्थानों से जुड़े पेंशनरों का, सभी के लिए न्याय की लड़ाई अभी भी अधूरी है। अब यह देखना होगा कि सरकार और न्यायालय इस विषय में क्या कदम उठाते हैं और पेंशनरों को उनका हक कब तक मिलता है।
पेंशनरों की उम्मीदें अब भी न्यायालय और सरकार से जुड़ी हैं।

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