पेंशनभोगियों के लिये खुशखबरी आ रही है। 25 अक्टूबर 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) को खारिज कर दिया, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 18 जुलाई 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। इस आदेश में कहा गया था कि पेंशनभोगियों की कम्यूटेशन रिकवरी 11 साल 6 महीने में पूरी हो जाती है, और इसके बाद सरकार के पास इसे जारी रखने का कोई अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट ने सभी प्रभावित पेंशनभोगियों की रिकवरी रोकने का आदेश दिया था, इस फैसले को पीएनबी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने पीएनबी की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया। पीएनबी के वकीलों ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वे याचिका वापस लेना चाहते हैं और अन्य कानूनी विकल्पों का उपयोग करना चाहते हैं। कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार किया और याचिका खारिज कर दी, जिससे हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रहा। यानी कि पेंशनभोगियों की पेंशन से रिकवरी नही होगी।
फैसले का प्रभाव: सभी की रिकवरी होगी बंद
इस फैसले के बाद, पेंशनभोगियों का पक्ष मजबूत हो गया है। जिन पेंशनभोगियों की कम्यूटेशन रिकवरी को 11 साल 6 महीने हो चुके हैं, उनकी आगे की रिकवरी रुक जाएगी। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से कोई कॉमन सर्कुलर जारी नहीं किया गया है, जिससे सभी पेंशनभोगियों को स्वतः लाभ मिल सके।
पेंशनभोगियों के लिए जनहित याचिका (PIL) क्यों जरूरी है?
पेंशनभोगियों के लिए सरकार इस पर आदेश जारी करे या ना करे पर पेंशनभोगियों को इस फैसले का लाभ पाने के लिए कोर्ट का रुख करना होगा। इसके लिए पेंशनभोगी संगठनों को एक साथ आकर जनहित याचिका (PIL) दायर करनी चाहिए, ताकि सभी को एक साथ लाभ मिल सके और व्यक्तिगत याचिकाओं में होने वाला खर्च बचाया जा सके। इससे अन्य पेंशनभोगियों को भी फायदा मिलेगा और उन्हें लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है। अब, सभी पेंशनभोगियों को उनका हक दिलाने के लिए संगठनों को एकजुट होना होगा और एक PIL दाखिल करनी होगी।