केन्द्रिय कर्मचारियो और पेंशनभोगियों के DA/DR के फॉर्मूले में होगा बदलाव, हर 6 महीने में होगी 10% से 15% की बढ़ोतरी

जैसे कि आपको पता होगा कि महँगाई अपनी चरम सीमा पर है लेकिन महँगाई के हिसाब से महंगाई भत्ते (DA/DR) का भुगतान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को नहीं किया जाता है। आखिर क्या कारण है कि महंगाई तो बढ़ रही है लेकिन महंगाई भत्ते का वास्तविक भुगतान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को क्यों नहीं मिल पाता है।

उसी को लेकर कांफिडेरशन ऑफ़ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाई एंड वर्कर ने कुछ बड़ा खुलासा करते हुए सरकार को एक लेटर लिखा है, तो पूरी खबर इस लेख के माध्यम से हम लोग जानेंगे।

DA/DR को लेकर संघटन ने लिखा पत्र

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की गणना में सुधार होना चाहिए। अगर इसमे सुधार हो जाता है तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को हर 6 महीने 10% से 15% DA मिलेगा। इसी मुद्दे को लेकर केंद्रीय कर्मचारी एवं श्रमिक संघटन ने 17 जनवरी 2025 को कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा है। इस पत्र में DA और DR के मौजूदा फॉर्मूलों और प्रक्रियाओं में बदलाव की मांग की गई है ताकि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वास्तविक महँगाई के अनुसार DA/DR का लाभ मिल सके।

DA और DR सुधार से जुड़ी मुख्य मांगे

केंद्रीय सरकारी कर्मचारी एवं श्रमिक संघटन के महासचिव श्री एस. बी यादव ने कहा कि DA की गणना में बदलाव की जरूरत है। DA की गणना अब भी पुराने तरीक़े से की जाती है जिसकी वजह से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वास्तविक लाभ नही मिल पाता है। उन्होंने DA की गणना करने के मौजूदा फॉर्मूले में खामियों को बताया।

DA गणना के मौजूदा फॉर्मूले

  1. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मौजूदा फॉर्मूला:
    DA = {(AICPI (Base year 2016 = 100) का 12 महीने का औसत – 115.76)/115.76} × 100
  1. सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए फॉर्मूला:
    DA = {(AICPI (Base year 2001 = 100) का 3 महीने का औसत – 126.33)/126.33} × 100

संघटन की बड़ी माँग

DA की गणना में हो सुधार

केन्द्रिय कर्मचारियो व पेंशनभोगियों के लिए 12 महीने के औसत की जगह 3 महीने के औसत को अपनाया जाए ताकि कर्मचारियों को हर 3 महीने में वास्तविक महंगाई के अनुसार DA प्राप्त हो सके।

तिमाही आधार पर DA का पुनर्निर्धारण

सार्वजनिक क्षेत्र और बैंकों के कर्मचारियों का DA हर 3 महीने में संशोधित होता है। सरकारी कर्मचारियों का DA हर 6 महीने में संशोधित होता है, जिससे जनवरी में हुई मूल्य वृद्धि का लाभ अगले 12 महीने तक देरी से मिलता है इसलिए DA का पुनर्निर्धारण हर तिमाही (3 महीने) में किया जाए।

पॉइंट-टू-पॉइंट DA लागू किया जाए

वर्तमान में DA को न्यूनतम मूल्य तक गोल कर दिया जाता है।
उदाहरण: अगर DA 43.90% बनता है, तो इसे 53% मानकर 0.90% का नुकसान होता है। इसलिए केन्द्रिय कर्मचारियो और पेंशनभोगियों को बैंक और LIC कर्मचारियों की तरह पॉइंट-टू-पॉइंट DA प्रदान किया जाए।

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अलग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)

CPI का मौजूदा आधार 465 वस्तुओं पर आधारित है, जिनमें से कई वस्तुएं केंद्रीय कर्मचारियों के दैनिक जीवन में उपयोगी नहीं हैं। छठे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार, केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार किया जाना चाहिए।

खुदरा कीमतों की सही गणना की जाए

लेबर ब्यूरो द्वारा तैयार CPI और बाजार की वास्तविक कीमतों में 30% तक का अंतर होता है। अन्य सरकारी विभाग जैसे डायरेक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स और डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स द्वारा तैयार कीमतें अधिक वास्तविक हैं। इसलिए खुदरा कीमतों के लिए एक उपयुक्त और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए।

महत्वपूर्ण सिफारिशें

➡️महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के फॉर्मूलों में तत्काल बदलाव किए जाएं।
➡️तिमाही आधार पर DA लागू हो।
➡️उचित और वास्तविक खुदरा कीमतों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार किया जाए।

निष्कर्ष

इन सुधारों को लागू करने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई का सटीक और समय पर लाभ मिलेगा। केंद्रीय सरकारी कर्मचारी एवं श्रमिक परिसंघ ने इन सुधारों को जल्द से जल्द लागू करने की अपील की है।

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