दिनांक 10 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय परिषद (JCM) की स्थायी समिति की बैठक सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में स्टाफ साइड के निम्नलिखित सदस्य उपस्थित थे:
- श्री शिव गोपाल मिश्रा (सचिव)
- श्री एम. राघवैया (नेता)
- श्री सी. श्रीकुमार (सदस्य, स्थायी समिति)
- श्री जे. आर. भोसले (सदस्य, स्थायी समिति)
- श्री गुमान सिंह (सदस्य, स्थायी समिति)
- श्री बी.सी. शर्मा (सदस्य, स्थायी समिति)
- श्री रूपक सरकार (सदस्य, स्थायी समिति)
- श्री तापस बोस (सदस्य, स्थायी समिति)
बैठक में मुख्य चर्चा बिंदु:
बैठक की अध्यक्षता कर रहीं DOPT सचिव ने स्पष्ट किया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य 8वें वेतन आयोग (8th CPC) के लिए स्टाफ साइड द्वारा भेजी गई ‘नियम व शर्तों’ (Terms of Reference) पर चर्चा करना था। उन्होंने स्टाफ साइड से अनुरोध किया कि वे प्रत्येक बिंदु को संक्षेप में प्रस्तुत करें।
1. न्यूनतम वेतन निर्धारण और परिवार की गणना
- स्टाफ साइड ने न्यूनतम वेतन निर्धारण के लिए परिवार के आकार को 5 सदस्य मानने पर जोर दिया, क्योंकि ‘पालन-पोषण एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम, 2022’ के तहत बच्चों की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वे अपने माता-पिता की देखभाल करें।
- वर्तमान जीवनशैली और पोषण आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, 8वें वेतन आयोग को ‘सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन वेतन’ (Decent and Dignified Living Wage) की सिफारिश करनी चाहिए।
2. पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली
- गैर-अंशदायी (Non-Contributory) पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग दोहराई गई।
3. पहले से स्वीकृत मुद्दों का शीघ्र समाधान
- विभिन्न मंत्रालयों और JCM बैठकों में पहले ही स्वीकृत मुद्दों को 8वें वेतन आयोग कमिटी को न भेजकर सीधे हल करने की मांग की गई, जिससे अनावश्यक देरी न हो।
4. पेंशनर्स के लिए महत्वपूर्ण मांगें
- 12 वर्षों के बाद पेंशन की कम्युटेड राशि (Commuted Pension) की बहाली।
- हर 5 वर्षों में पेंशन में वृद्धि (संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश के अनुसार)।
- सीजीएचएस (CGHS) संबंधित मुद्दों का समाधान और FMA (फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस) को ₹3000 प्रति माह करना।
5. 8वें वेतन आयोग के गठन से पहले बैठकें आयोजित करने की मांग
- 8वें वेतन आयोग के गठन से पहले NC-JCM और स्थायी समिति की बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया, ताकि लंबित मुद्दों का समाधान हो सके और आयोग का कार्यभार कम हो।
6. ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) और चुनाव आयोग कर्मचारियों को शामिल करने की मांग
- डाक विभाग के ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) और चुनाव आयोग के कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग की शर्तों में शामिल करने का अनुरोध किया गया।
7. गैर-व्यवहारिक वेतनमानों (Non-viable Pay Scales) का विलय और न्यूनतम प्रवेश स्तर का उन्नयन
- MTS कर्मचारियों की स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत बताई गई, क्योंकि उनके पास कोई प्रोन्नति (Promotion) के अवसर नहीं हैं।
- स्किल्ड ग्रेड में न्यूनतम प्रवेश स्तर (Entry Level) का उन्नयन करने की मांग की गई।
8. बच्चों की शिक्षा भत्ता (CEA) और छात्रावास भत्ता (Hostel Subsidy) की सीमा बढ़ाने की मांग
- स्नातकोत्तर (Post-Graduation) और प्रोफेशनल कोर्स के लिए बच्चों की शिक्षा भत्ता (CEA) और छात्रावास भत्ता (Hostel Subsidy) जारी रखने की मांग की गई।
9. रेलवे कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे
- जोखिम भत्ता (Risk Allowance) समिति की सिफारिशों को लागू करना।
- रनिंग अलाउंस (Running Allowance) को आयकर (Income Tax) से छूट देना।
- रक्षा मंत्रालय द्वारा जोखिम भत्ता पर अपनी सिफारिशें शीघ्र जारी करने की मांग।
10. 50% डीए/डीआर का विलय और अंतरिम राहत
- 50% महंगाई भत्ता (DA) एवं महंगाई राहत (DR) को विलय कर सभी लाभों में शामिल करने की मांग।
- कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए अंतरिम राहत (Interim Relief) देने की सिफारिश।
DOPT सचिव की प्रतिक्रिया
DOPT सचिव ने कहा कि स्टाफ साइड द्वारा प्रस्तुत बिंदुओं से 8वें वेतन आयोग की शर्तों को लेकर अधिक स्पष्टता मिली है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में इस प्रकार की बैठकें आयोजित की जाएंगी और स्टाफ साइड के विचारों की सराहना की।
आगे की रणनीति
NC-JCM के सेक्रट्री ने कहा कि हम सभी संबद्ध यूनियनों और स्टाफ साइड सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि वे प्रत्येक ‘नियम व शर्त’ पर अपने विचार और उचित तर्कों के साथ सुझाव भेजें ताकि कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगों को मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके।