मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक : आयकर सीमा बढ़ाई, और आठवाँ वेतन ला दिया

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने 2025-26 के बजट में आयकर छूट की सीमा ₹12 लाख तक कर दी, जिससे पहली नजर में यह राहत लग सकती है। लेकिन असल में यह सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ एक बड़ा खेल है।

👉 8वें वेतन आयोग के तहत, मोदी सरकार कर्मचारियो के बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी करेगी, जिससे सैलरी बढ़ने के कारण कर्मचारी फिर से ज्यादा टैक्स चुकाने को मजबूर होंगे।

🔴 कैसे हुआ यह खेल?

सरकार ने आयकर छूट की सीमा ₹12 लाख कर दी, जिससे लोगों को लग रहा है कि सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। अब जैसे ही 8वें वेतन आयोग में बेसिक सैलरी बढ़ा दी जाएगी औऱ डीए को मर्ज कर दिया जाएगा उससे कर्मचारियों की आय ₹12 लाख से ऊपर चली जाएगी जिससे वे ऑटोमैटिक रूप से टैक्स के दायरे में आ जायेगे।


🔴 टैक्स स्लैब में कैसे फंसे सरकारी कर्मचारी?

नई टैक्स दरें:
💰 ₹4 लाख तक टैक्स फ्री
💰 ₹4 लाख से ₹8 लाख – 5% टैक्स
💰 ₹8 लाख से ₹12 लाख – 10% टैक्स
💰 ₹12 लाख से ऊपर – 20% और 30% टैक्स

अब 8वें वेतन आयोग में बढ़ी हुई सैलरी के कारण लगभग सभी सरकारी कर्मचारी ₹12 लाख से अधिक आय वाले कैटेगरी में चले जाएंगे।


🔴 8वें वेतन आयोग: सैलरी बढ़ेगी या टैक्स के जाल में फंसेगे कर्मचारी?

📢 अगर किसी कर्मचारी की पुरानी सैलरी ₹50,000 थी, तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर के कारण यह ₹1,10,000 हो सकती है।
📢 पहले इस सैलरी पर टैक्स कम लगता था, लेकिन अब ₹12 लाख की लिमिट पार होने पर 20% या 30% टैक्स देना होगा।
📢 यही मास्टरस्ट्रोक मोदी सरकार ने खेली है – आठवे वेतन से सैलरी बढेगी और कर्मचारी फिर से टैक्स के दायरे मे आ जाएगे

🔴 निष्कर्ष: मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक या कर्मचारियों के लिए मुसीबत?

सैलरी बढेगी और फिर से कर्मचारी टैक्स के दायरे मे आ जाएगे। जब तक आठवा वेतन नही लगता तब तक ठीक है। ये लगने के बाद फिर से टॅक्स के दायरे मे आ जाएगे जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कोई फायदा नहीं होगा।

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