केंद्रीय पेंशनभोगियों के लिए कम्युटेड पेंशन बहाली की अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। यह मुद्दा कई पेंशनभोगी संगठनों और कर्मचारी संघों द्वारा सरकार के समक्ष उठाया गया है। वर्तमान में, पेंशनभोगी को सेवानिवृत्ति के बाद 15 वर्ष की अवधि तक पेंशन की कटौती झेलनी पड़ती है। मांग है कि इस अवधि को घटाकर 12 वर्ष कर दिया जाए ताकि पेंशनभोगियों को अधिक राहत मिल सके।
अवधि घटाने के मुख्य कारण
कम्युटेड पेंशन बहाली अवधि घटाने की मांग के पीछे निम्नलिखित कारण दिए गए हैं:
ब्याज दरों में कमी:
समय के साथ ब्याज दरों में कमी आई है, जिससे पेंशनभोगियों को नुकसान उठाना पड़ता है।
जीवन प्रत्याशा में वृद्धि:
वर्तमान में लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा बढ़ गई है, जिससे पेंशन पुनर्स्थापन अवधि घटाने की मांग प्रासंगिक हो जाती है।
अन्य राज्यों में सफल कार्यान्वयन:
कुछ राज्यों में पहले से ही पेंशन पुनर्स्थापन की अवधि 12 वर्ष कर दी गई है। जब राज्य सरकार इस तरह का निर्णय ले सकती है तो केंद्र सरकार क्यों नही ले सकती।
अन्य राज्यों में लागू नीति
नीचे दिए गए तालिका में उन राज्यों का विवरण दिया गया है जहां कम्युटेड पेंशन पुनर्स्थापन अवधि को घटाकर 12 वर्ष कर दिया गया है:
राज्य | वर्ष |
केरल | 12 |
पंजाब | 12 |
गुजरात | 13 |
प्रस्तावित राज्य
राज्य | वर्ष |
हिमाचल प्रदेश | 12 |
कर्नाटक | 12 |
निष्कर्ष
कम्युटेड पेंशन बहाली अवधि को घटाने से लाखों पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी। इससे वे अपने सेवानिवृत्ति के बाद की आर्थिक जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे। सरकार को इस मुद्दे पर शीघ्र विचार करना चाहिए ताकि पेंशनभोगियों को आर्थिक राहत मिल सके।
Rajasthan mai bhi 12 year. Liya Jana chahiye.
केन्द्र सरकार को कम्युटेशन कटौती अवधि में संशोधन करके पेंशनर्स को राहत प्रदान किए जाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए।