संसदीय समिति ने 65 साल से 5% पेंशन बढ़ोतरी शुरू करने की पुनःसिफारिश

संसदीय समिति ने पेंशनभोगियों की शिकायतों के निपटारे में देरी पर चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार से सामाजिक ऑडिट पैनल गठित करने का अनुरोध किया है, ताकि शिकायतों के मुख्य क्षेत्रों की पहचान की जा सके और प्रणाली को बेहतर बनाया जा सके।

समिति ने नोट किया कि 65 साल से उम्र के अनुसार पेंशन बढोतरी को लेकर जो सिफारिश दिया गया था उसके ऊपर सरकार ने कोई एक्शन लिया या नही। इस पर समिति ने पाया कि सरकार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ऐसे में संसदीय समिति ने सरकार से इसका कारण पूछा औऱ इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

पेंशन समिति ने सरकार से किया आग्रह

समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि वह पेंशनभोगी संगठनों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे, जिसमें पेंशन में उम्र के आधार पर अतिरिक्त वृद्धि शामिल है:
65 साल की उम्र में 5%
70 साल की उम्र में 10%
75 साल की उम्र में 15%
80 साल की उम्र में 20%

मुख्य सिफारिशें

समिति ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
शिकायत निवारण में जवाबदेही
पेंशनभोगियो की शिकायतों के त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निपटारे के लिए जवाबदेही प्रणाली लागू किया जाए।

सामाजिक ऑडिट पैनल का गठन
शिकायतों के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान और समाधान के लिए सामाजिक ऑडिट पैनल बनाए जाएं।

पेंशन वृद्धि पर विचार
पेंशनभोगियों के लिए उम्र के आधार पर अतिरिक्त पेंशन वृद्धि लागू की जाए।

वर्तमान पेंशन व्यवस्था

रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में केंद्रीय सरकारी पेंशनभोगियों को निम्नलिखित आयु के आधार पर अतिरिक्त पेंशन मिलती है:
80 वर्ष पर 20%
85 वर्ष पर 30%
90 वर्ष पर 40%
95 वर्ष पर 50%
100 वर्ष पर 100%

समाज में परिवर्तन के प्रभाव

समिति ने नोट किया कि एकल परिवारों के बढ़ते चलन और सामाजिक व भौगोलिक गतिशीलता के कारण वृद्धजनों की देखभाल में कमी आई है।

2050 तक वृद्ध जनसंख्या

अनुमान के मुताबिक, 2050 तक 60 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या का अनुपात काफी बढ़ जाएगा।

मजबूत पेंशन प्रणाली की आवश्यकता

बदलते सामाजिक परिवेश में एक मजबूत पेंशन प्रणाली की आवश्यकता है, ताकि वृद्धजन आत्मनिर्भर हो सकें।

सीपीईएनजीआरएएमएस (CPENGRAMS) पोर्टल

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि CPENGRAMS एक केंद्रीकृत वेब-आधारित पेंशन शिकायत निवारण प्रणाली है। इसके माध्यम से पेंशनभोगी ऑनलाइन, पेंशनभोगी संगठनों के माध्यम से या डाक द्वारा अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

समिति की अनुशंसा

समिति ने वित्त मंत्रालय को इस सिफारिश को प्राथमिकता से लागू करने के लिए कहा है। पेंशनभोगियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, यह सिफारिश समाज में वृद्धजनों की स्थिति को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

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