सेना से अयोग्य (Invalid Pension) घोषित करार दिए जाने के बाद ऐसे सैनिको, पूर्वसैनिकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा क्या व्यवस्था किया गया है, क्या उनको पेंशन दी जाती है, क्या उनके साथ भेदभाव नही किया जाता, ऐसे सैनिको के लिए सरकार की क्या नीति है, इन सभी मुद्दों को लेकर सांसद श्री हनुमान बेनीवाल ने 06 दिसंबर 2024 को लोकसभा के पटल पर प्रश्न रखे, जिसका उत्तर सरकार ने दिया तो क्या प्रश्न पूछे गए थे और उसका उत्तर क्या दिया गया चलिये विस्तार में जान लेते है।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार से प्रश्न पूछा
हनुमान बेनीवाल ने रक्षा मंत्री से प्रश्न पूछा कि क्या रक्षा मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) सेना चिकित्सा बोर्ड द्वारा मानसिक और शारीरिक दिव्यांगता के आधार पर सेवा के लिए अयोग्य (Invalid Pension) घोषित किए गए सेना कर्मियों की चिकित्सा पेंशन के संबंध में सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए/ उठाए जाने का प्रस्ताव है;
(ख) क्या सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाया है कि भारतीय सेना में मेडिकल बोर्ड द्वारा आयोजित शारीरिक और मानसिक दिव्यांगता परीक्षण में पारदर्शिता और निष्पक्षता हो;
(ग) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस संबंध में सरकार की नीति क्या है;
(घ) भारतीय सेना के उन कर्मियों के कितने मामले हैं जिन्हें मनोरोग और शारीरिक दिव्यांगता के आधार पर सेवा के लिए अयोग्य घोषित किया गया है और उन्हें अब तक पेंशन लाभ प्रदान नहीं किया गया है; और
(ङ) ऐसे सैनिकों को पेंशन प्रदान करने के संबंध में सरकार के प्रस्ताव का ब्यौरा क्या है?
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने दिया इसका उत्तर
(क) सरकार ने कार्मिक जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी सिविलियन कर्मचारियों के साथ रक्षा निःशक्तता पेंशन विनियमों का सामंजस्य बिठाने और चिकित्सा बोर्ड का इष्टतम और समान रूप से आयोजन किया जाना सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र सेना के कार्मिकों के लिए कैजुएल्टी पेंशन अवार्ड पात्रता नियम-2023 और गाइड चिकित्सा अधिकारी नियम- 2023 जारी किए हैं।
सरकार द्वारा उन सेना कर्मियों को निम्नलिखित पेंशन प्रदान की जा रही है, जिन्हें आर्मी मेडिकल बोर्ड (सेना चिकित्सा बोर्ड) द्वारा मानसिक और शारीरिक निःशक्तता के आधार पर सेवा के लिए अयोग्य घोषित किया गया है ऐसे अधिकारी जिन्हें सेवा से इनवैलिड आउट कर दिया गया है उन्हें इनवैलिड पेंशन/इनवैलिड उपदान, निःशक्तता पेंशन, युद्ध-क्षति पेंशन और टर्मिनल उपदान दी जाती है।
(ख) और (ग): निष्पक्ष रूप से प्रबंधन करने के लिए सशस्त्र सेनाओं के मौजूदा नियम यानी RMSAF-2010 के अनुसार तीन सदस्यों वाला चिकित्सा बोर्ड है। इसके अलावा, मनोचिकित्सा बोर्ड की सभी रिपोर्टों पर अधिकारियों के लिए DGMS (सेना) द्वारा और जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारियों/अन्य रैंकों के लिए MG (चिकित्सा) द्वारा कार्रवाई की जाती है ताकि दोषमुक्त एवं पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।
(घ) और (ङ): ऐसे सेना कार्मिक जिन्हें निःशक्तता के आधार पर सेना चिकित्सा बोर्ड द्वारा सेवा हेतु अनुपयुक्त घोषित कर दिया जाता है उन्हें सेना (पीआरए) 2008 संबंधी पेंशन विनियमन और पात्रता नियम (ईआर) 2023 और अन्य मौजूदा नियमों के अनुसार निःशक्तता पेंशन प्रदान की जाती है।