केन्द्र सरकार ने हाल ही में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के GPF (सामान्य भविष्य निधि) से जुड़े भुगतान और ब्याज के विषय में स्पष्टीकरण जारी किया है। कई कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के बाद GPF के भुगतान में देरी पर ब्याज की देयता को लेकर प्रश्न उठाए थे। इस संदर्भ में सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि देरी की स्थिति में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ब्याज का भुगतान किया जाएगा।
समय पर GPF भुगतान हेतु दिशानिर्देश
सरकार ने GPF के अंतिम भुगतान की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश जारी किए हैं। 16 जनवरी, 2017 के कार्यालय ज्ञापन सं. 3/3/2016-P&PW(F) के अनुसार, सभी संबंधित अधिकारियों को समय पर GPF भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी मेहनत की राशि समय पर प्राप्त हो सके।
GPF भुगतान की जिम्मेदारी
GPF (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के नियम 34 के तहत, सेवानिवृत्ति पर GPF राशि का भुगतान समय पर करना संबंधित लेखा अधिकारी की जिम्मेदारी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने GPF का लाभ तुरंत उठा सकें और देरी की स्थिति में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अनुशासनात्मक मामलों का GPF पर प्रभाव
यह स्पष्ट किया गया है कि GPF खाते में जमा राशि संबंधित कर्मचारी की व्यक्तिगत संपत्ति होती है। और किसी भी अनुशासनात्मक मामले का इस राशि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अनुशासनात्मक कार्यवाही से GPF भुगतान में कटौती या रुकावट नहीं की जा सकती है।
सेवानिवृत्ति के बाद ब्याज का प्रावधान
GPF नियम के नियम 11(4) के अनुसार, यदि किसी कारणवश सेवानिवृत्ति के समय GPF राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो सेवानिवृत्ति की तारीख के बाद भी इस राशि पर ब्याज देना आवश्यक होगा। यह प्रावधान उन कर्मचारियों के हितों की रक्षा करता है जिन्हें समय पर भुगतान नहीं मिल पाता है।
निष्कर्ष
यह आदेश सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है और सभी मंत्रालयों और विभागों को इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस नए आदेश से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने GPF के भुगतान में देरी का सामना कर रहे थे।