राजस्थान राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में माता-पिता के अलावा सास-ससुर को भी शामिल करने का प्रावधान किया है। इस निर्णय से राज्य के 7 लाख कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा, जिससे वे अब अपने परिवार के अधिक सदस्यों को चिकित्सा सुविधा का लाभ दे सकेंगे।
वित्त विभाग की अधिसूचना और संशोधन
राज्य सरकार की कैबिनेट ने 28 अगस्त को नियम में संशोधन को मंजूरी दी थी। इसके बाद, अब वित्त विभाग ने इस संशोधन का आदेश जारी कर दिया है, जिससे यह प्रावधान तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश के बाद, सरकारी कर्मचारी अब अपने माता-पिता या सास-ससुर में से किसी एक को चिकित्सा सुविधा के लिए RGHS में सम्मिलित कर सकते हैं।
पहले क्या थी व्यवस्था?
इससे पहले, सरकारी कर्मचारी केवल अपने माता-पिता को ही RGHS में शामिल कर सकते थे। सास-ससुर को इस योजना का लाभ देने का विकल्प नहीं था। लेकिन अब अधिसूचना के बाद, कर्मचारी अपने सास-ससुर या माता-पिता में से किसी एक जोड़ी को चुन सकते है।
राज्य कर्मचारी संघ का स्वागत
राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे कर्मचारियों को अपने ससुराल पक्ष के बुजुर्गों की चिकित्सा देखभाल में मदद मिलेगी। उन्होंने सरकार के इस कदम की सराहना की और कहा कि यह कर्मचारियों की एक पुरानी मांग थी जिसे सरकार ने अब पूरा किया है।
CGHS की तर्ज पर RGHS में भी मिलती है सुविधा
केन्द्रीय कर्मचारियों को पहले से ही केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत सास-ससुर को शामिल करने की सुविधा मिल रही थी। अब राजस्थान सरकार ने भी इस सुविधा को अपने राज्य कर्मचारियों के लिए RGHS में लागू कर दिया है। इससे राज्य के कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
RGHS पोर्टल पर मिलेगा चुनने का विकल्प
इस संशोधन के बाद, कर्मचारियों को RGHS पोर्टल पर जाकर अपने माता-पिता या सास-ससुर में से किसी एक को चिकित्सा सुविधा के लिए चुनने का विकल्प मिलेगा। इसके लिए, वित्त विभाग ने राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 के नियम 3(9) में संशोधन कर दिया है।
ग्रेच्युटी सीमा भी 25 लाख करने का निर्णय
कैबिनेट बैठक में, राज्य सरकार ने राज्य कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का भी निर्णय लिया है। यह मंजूरी केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर दी गई है, जिससे राज्य कर्मचारियों को भी अधिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य के कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिससे उन्हें अपने परिवार के अधिक सदस्यों को चिकित्सा सुविधा देने का विकल्प मिलेगा। साथ ही, ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने से भी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ होगा। इससे सरकार और कर्मचारियों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग में वृद्धि होगी।