8th Pay Commission: राज्यसभा में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और उनके कल्याण के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। इन मुद्दों में से एक महत्वपूर्ण विषय है केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नए वेतन आयोग के गठन का सवाल। इस संदर्भ में, श्री जावेद अली खान और श्री रामजी लाल सुमन ने वित्त मंत्री से आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन और केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संभावित वृद्धि के संबंध में सवाल किया था। खासकर महँगाई और देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह प्रश्न उठाया गया था कि क्या सरकार आगामी बजट 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन पर विचार कर रही है।
सवालों का विवरण:
सांसदों द्वारा पूछे गए प्रश्न तीन प्रमुख हिस्सों में बांटे जा सकते हैं:
- आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन पर विचार:
क्या सरकार महँगाई की अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए फरवरी 2025 मे बजट के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों के आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा करने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है? - राजकोषीय स्थिति और वेतन वृद्धि:
क्या केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की अनुमति नहीं दे रही है, और यदि हां, तो उसके कारण क्या हैं? - प्रश्न का निष्कर्ष:
इन सवालों के आधार पर यह जानने की कोशिश की गई थी कि सरकार क्या आठवें वेतन आयोग के गठन और वेतन वृद्धि के मुद्दे पर आगे कोई कदम उठा रही है या नहीं।
वित्त राज्य मंत्री का उत्तर:
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने इस विषय पर संसद में विस्तृत उत्तर प्रदान किया, जो निम्नलिखित था:
- आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन:
वित्त राज्य मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि वर्तमान में सरकार के पास केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इसका मतलब यह है कि सरकार फरवरी 2025 में पेश होने वाले आगामी बजट में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग के गठन की घोषणा करने पर विचार नहीं कर रही है। इस समय, इस प्रकार का कोई कदम उठाने का कोई विचार नहीं है। - केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति और वेतन वृद्धि:
जब प्रश्न उठाया गया कि क्या केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की अनुमति नहीं दे रही है, तो वित्त राज्य मंत्री ने इस प्रश्न का उत्तर दिया कि इस संदर्भ में कोई विशेष जानकारी या ब्यौरा देने की आवश्यकता नहीं है। इसका मतलब यह है कि वर्तमान राजकोषीय स्थिति के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी साझा नहीं की गई और वेतन वृद्धि से संबंधित प्रश्न का कोई महत्व नहीं है।
वित्तीय स्थिति और वेतन आयोग का संबंध:
भारत सरकार के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का निर्णय कई आर्थिक और वित्तीय पहलुओं पर निर्भर करता है, जिनमें सबसे प्रमुख सरकारी राजकोषीय स्थिति है। जब सरकार का बजट संतुलित नहीं होता, या जब मुद्रास्फीति और अन्य आर्थिक दबाव बढ़ते हैं, तो कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के बारे में कोई निर्णय लेने में सतर्कता बरती जाती है।
हालांकि, वर्तमान में सरकार ने यह स्पष्ट किया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, इसका मतलब यह नहीं कि भविष्य में ऐसी कोई योजना हो सकती है। सरकार के लिए यह निर्णय केवल आर्थिक स्थिति, देश के वित्तीय दायित्वों और अन्य सरकारी प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।
निष्कर्ष:
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी के उत्तर से यह स्पष्ट हुआ कि वर्तमान में सरकार के पास आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन पर विचार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। साथ ही, केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति वेतन वृद्धि की अनुमति नहीं देती है, लेकिन इसके बारे में कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है। इस प्रकार, अभी के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि या वेतन आयोग के गठन का कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
इसका मतलब यह है कि सरकार फिलहाल इस दिशा में कोई कदम उठाने की योजना नहीं बना रही है, लेकिन भविष्य में परिस्थितियां बदलने पर इस मुद्दे पर विचार किया जा सकता है।