सेवानिवृत्त व्यक्तियों के लिए पेंशन योजना को लेकर लोकसभा से बडी खबर

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भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
वित्तीय सेवाएं विभाग
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 1621
जिसका उत्तर 31 जुलाई, 2023/9 श्रावण, 1945 (शक) को दिया गया
सेवानिवृत्त व्यक्तियों के लिए पेंशन योजना

  1. श्री राजमोहन उन्नीथन ने लोकसभा मे प्रश्न पुछ
    क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
    क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि बैंकों में पेंशन योजना शुरू किए जाने के अट्ठाईस वर्ष बाद भी इसमें संशोधन नहीं किया गया है और सेवानिवृत्त व्यक्ति, विशेषकर जो बहुत पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अत्यल्प पेंशन में बड़ी कठिनाई से जीवनयापन कर रहे यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
    क्या बैंक से सेवानिवृत्त व्यक्तियों की केन्द्र और राज्य सरकार के सेवानिवृत्त व्यक्तियों की पेंशन योजना की तर्ज पर वेतन संशोधन के साथ-साथ पेंशन में संशोधन नहीं किया जाता है; क्या सरकार का बैंक से सेवानिवृत्त व्यक्तियों की पेंशन योजना को बढ़ाने / संशोधित करने का प्रस्ताव है ताकि पेंशनभोगी को देय पेंशन की मात्रा उनकी मूलभूत आवश्यकताओं और सामाजिक कल्याण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए जैसी जीवन शैली जीने के वे आदी हैं, को पूरा करने के लिए यह पर्याप्त हो;
    यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
    (ड.) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
    वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (डॉ. भागवत कराड)
    उत्तर
    (क) से (ड.): पेंशन एक वित्तपोषित योजना है, जिसे बैंक कर्मचारी यूनियनों/संघों और भारतीय बैंक संघ (आईबीए), जिसने भागीदार बैंकों की ओर से बातचीत की थी, के बीच दिनांक 29.10.1993 को हस्ताक्षरित (दिनांक 1.1.1986 को या उसके बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को शामिल करते हुए) द्विपक्षीय समझौते के माध्यम से राष्ट्रीयकृत बैंकों में आरंभ किया गया था। संबंधित राष्ट्रीयकृत बैंक के बोर्डों ने तदनुसार, बैंककारी कंपनी (उपक्रमों का अर्जन और अंतरण) अधिनियम, 1970/1980 की धारा 19 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कर्मचारी पेंशन विनियम, 1995 बनाए। ऐसे विनियमों में पेंशन में संशोधन का कोई उपबंध नहीं है। तथापि, बैंकों के पेंशनभोगी / सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन पर महंगाई राहत दी जा रही है तथा इसे समय-समय पर अर्थात् अर्द्धवार्षिक आधार पर बढ़ाया जाता है।
    आईबीए ने यह भी सूचित किया है कि बैंकों की पेंशन को अद्यतन करने का मामला भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन है।

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