यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) कर्मचारियों के साथ बड़ा मज़ाक: CITU

सेंट्रल ट्रेड यूनियन (CITU) ने 24 जनवरी 2025 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा अधिसूचित यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को आधे-अधूरे और भ्रामक प्रावधानों से युक्त बताया है। CITU ने इस योजना को कर्मचारियों के साथ “एक बड़ा मज़ाक” करार देते हुए पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग की है


UPS: नेशनल पेंशन सिस्टम के भीतर एक विकल्प

CITU के प्रवक्ता ने कहा कि 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली यह योजना नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत एक विकल्प के रूप में पेश की गई है। हालांकि, सरकार द्वारा बड़े प्रचार के बावजूद, यह योजना वास्तविकता में “पेंशन” नहीं है, बल्कि इसे ‘अश्योर्ड पेआउट’ या ‘फैमिली पेआउट’ कहा गया है

CITU के अनुसार, सरकार ने अगस्त 2024 में UPS के फैसले की घोषणा करते समय इसे एक ठोस पेंशन योजना बताया था, लेकिन अब इसकी अधिसूचना के बाद सच्चाई सामने आ गई है


UPS के प्रमुख प्रावधान और इसकी सीमाएँ

CITU ने इस योजना को “धोखाधड़ी भरी और भ्रामक” बताया है और इसके कई पहलुओं पर सवाल उठाए हैं।

1. फंडिंग आधारित योजना

  • यह योजना कर्मचारी और नियोक्ता (सरकार) के अंशदान और उनके निवेश पर आधारित है
  • कर्मचारी को अपनी वेतन (Pay) और महंगाई भत्ते (DA) का 10% योगदान करना होगा
  • सरकार भी उतना ही 10% योगदान देगी, जिसे या तो डिफ़ॉल्ट निवेश योजना में डाला जाएगा या कर्मचारी के विकल्प के अनुसार निवेश किया जाएगा।
  • इसके अलावा, सरकार 8.5% (Basic Pay + DA) का अतिरिक्त योगदान करेगी, लेकिन इस राशि का निवेश सरकार की पसंद के अनुसार होगा
  • कर्मचारी और सरकार के योगदान एवं उससे मिलने वाले रिटर्न को “पूल कॉर्पस (PC)” कहा जाएगा।

2. पूर्ण लाभ पाने की शर्तें

  • यदि कोई कर्मचारी अपनी संचित राशि (Individual Corpus) को पूल कॉर्पस में ट्रांसफर करता है, तभी उसे योजना का पूरा लाभ मिलेगा।
  • अगर कर्मचारी सेवा के दौरान आंशिक निकासी करता है, तो उसे पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त योगदान करना होगा
  • अगस्त 2024 की प्रारंभिक घोषणा में यह कहा गया था कि कर्मचारी 60% राशि निकाल सकते हैं और उसे कम पेंशन मिलेगी, लेकिन यह प्रावधान अब अधिसूचना में नहीं है

3. पात्रता और रिटायरमेंट शर्तें

  • सुपरएन्यूएशन या दंडस्वरूप अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्राप्त कर्मचारी ही UPS के लिए पात्र होंगे
  • स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए कम से कम 25 वर्ष की सेवा पूरी करनी होगी
  • 10 वर्ष से कम सेवा करने वाले कर्मचारी “अश्योर्ड पेआउट” के लिए पात्र नहीं होंगे
  • यदि कर्मचारी ने 25 वर्ष की सेवा पूरी की है, तो उसे अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन (Basic Pay) का 50% मिलेगा
  • फैमिली पेआउट कुल अश्योर्ड पेआउट का केवल 60% होगा
  • फैमिली पेआउट के लिए न्यूनतम ₹10,000 का सुरक्षा प्रावधान लागू नहीं होगा

4. NPS से UPS में जाने वालों के लिए क्या है?

  • जो कर्मचारी पहले से NPS में रिटायर हो चुके हैं, वे भी UPS का लाभ ले सकते हैं
  • लेकिन उनके द्वारा पहले से किए गए निकासी और एन्युइटी (annuity) को समायोजित (adjust) करने के बाद ही बकाया राशि दी जाएगी
  • PFRDA (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) यह तय करेगा कि ऐसे कर्मचारियों को कितना अतिरिक्त टॉप-अप दिया जाएगा

CITU का कड़ा विरोध: UPS को बताया ‘जुमला’

CITU ने UPS को एक अधूरी और भ्रामक योजना बताते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है

CITU की मुख्य आपत्तियाँ

  1. यह योजना “पेंशन” नहीं बल्कि “अश्योर्ड पेआउट” है
  2. पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तुलना में यह कहीं भी संतोषजनक नहीं है
  3. UPS में NPS से अलग कोई विशेष लाभ नहीं है
  4. सरकार का अतिरिक्त 8.5% योगदान केवल निवेश के लिए है, पेंशन की गारंटी नहीं देता
  5. फैमिली पेआउट न्यूनतम सुरक्षा गारंटी से बाहर रखा गया है, जिससे परिवारों को नुकसान होगा

निष्कर्ष: UPS बनाम OPS – कर्मचारी क्या चाहते हैं?

CITU और अन्य कर्मचारी संगठनों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि UPS कर्मचारियों को भ्रमित करने के लिए एक “जुमला” मात्र हैइसके बजाय, सरकार को पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करनी चाहिए, क्योंकि OPS ही वास्तव में कर्मचारी को आजीवन सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है

आपका इस UPS योजना पर क्या विचार है? हमें कमेंट में बताएं!

10 thoughts on “यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) कर्मचारियों के साथ बड़ा मज़ाक: CITU”

  1. Kewal tops chahiye na nps na ups kuch nhi kewal ops ops ops hain ky karenge 25sal karne k bad ghr ja kar mandir ka ghanta bajayeyenge puri jindgi des k nam or pension nhi wah sab chochle baji hai or kuch nhi only ops ops ops

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  2. UPS सिर्फ NPS को बेहतर साबित करने के लिए लाया गया है इसका कर्मचारियों की भलाई से कोई लेना देना नहीं है। जब से UPS थ्योरी मार्केट में आई है, तब से OPS का कॉन्सेप्ट लगभग समाप्त हो चुका है क्योंकि अधिकतम कर्मचारी यही कह रहे हैं कि इससे बढ़िया तो NPS ही था।

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  3. अगर ups इतनी अच्छी है तो फिर इसको लोकसभा, राज्यसभा ओर विधानसभा में क्यों लागू नहीं कर रहे है , सरकार उनके साथ धोखा क्यों कर रही है,,, मेरी राय के अनुसार एक देश में एक ही पेंशन OPS होनी चाहिए,
    सोचने वाली बात है एक सरकार 70 वर्ष पेंशन से सकती है और एक सरकार के हाथ 10 बर्ष में ही खड़े हो गए

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